प्याज पर आयात शुल्क खत्म हुआ
२२ दिसम्बर २०१०बुधवार को भारत सरकार ने घोषणा की कि सरकार ने प्याज पर कस्टम ड्यूटी पांच फीसदी से घटा कर शून्य कर दी है. वित्त सचिव अशोक चावला ने दिल्ली में पत्रकारों को बताया, "प्याज पर सीमा शुल्क घटा कर शून्य कर दिया गया है."
फुटकर बाजार में प्याज की कीमतें अचानक 35-40 रुपये से बढ़कर 75-80 रुपये प्रति किलो हो गई. इसका कारण प्याज उत्पादक राज्य महाराष्ट्र, गुजरात और कुछ दक्षिणी राज्यों में फसलों को अतिवृष्टि के कारण भारी नुकसान होना है. इसका फायदा जमाखारों ने उठाया और प्याज को बाजार में नहीं आने दिया.
प्याज की बेतहाशा बढ़ी कीमतों ने सरकार की आंख में आंसू ला दिए और तुरत फुरत सरकार ने इसे काबू करने के लिए कदम उठाने की शुरुआत की. 15 जनवरी 2011 तक सरकार ने प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी है ताकि देश में प्याज की आपूर्ति बनी रहे. हालांकि अब भी कहा जा रहा है कि प्याज की कीमतें कम होते होते कम से कम तीन सप्ताह तो लग ही जाएंगे.
कृषि मंत्री शरद पवार ने मंगलवार को आगाह कर ही दिया था. वह कहते हैं, "प्याज की कीमतें अगले 2-3 सप्ताह ज्यादा ही रहेगी और उसी के बाद स्थिति सामान्य हो सकेगी." हालांकि पवार ने कहा था कि सरकार मांग पूरी करने के लिए प्याज का आयात नहीं करेगी लेकिन बताया जा रहा है कि 450 टन प्याज पाकिस्तान से मंगवाया गया है. भारत की तुलना में पाकिस्तान में प्याज की कीमत 18 से 20 रूपये प्रति किलो ही है.
संबंधित मंत्रियों को भेजे गए प्रधानमंत्री के पत्र में कहा गया है, "प्रधानमंत्री प्याज की बढी कीमतों को कम करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने की अपील करते हैं और चाहते हैं कि प्याज की कीमतों को सामान्य स्तर पर लाया जाए."
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः ए कुमार