प्रतिबंधों से भूखा रूसी भालू
९ अगस्त २०१४मॉस्को का चिड़ियाघर दुनिया का सबसे पुराना चिड़ियाघर है और वहां के जानवरों का खाना मुख्य रूप से हॉलैंड की सब्जियों और पोलैंड के सेब के रूप में आता है. पोलैंड के सेब चिड़ियाघर के भालूओं को खास तौर पर पसंद हैं. भालूओं को रूस के पौरुष और आजादी का प्रतीक माना जाता है. अब चिड़ियाघर के कर्मचारी जानवरों के मेन्यू में संशोधन करने में लगे हैं ताकि उनकी पसंदीदा सब्जियों और फलों की जगह दूसरी चीजें शामिल की जा सकें.
हालांकि कहा जा रहा है कि पश्चिमी देशों ने रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन को समर्थन दे रहे धनी लोगों के खिलाफ प्रतिबंध लगाए हैं तो रूसी राष्ट्रपति ने खाद्य पदार्थों के आयात पर रोक लगाकर खुद अपनी गरीब जनता के खिलाफ प्रतिबंध लगा दिए हैं. देश के गरीब आयात पर रोक की वजह से खाद्य पदार्थों के महंगे होने की आशंका कर रहे हैं तो यूक्रेन में रूसी हस्तक्षेप के कारण लगाए गए प्रतिबंधों की लड़ाई में वहां के जानवर फंस गए हैं.
मॉस्को चिड़ियाघर की प्रवक्ता अन्ना काचुरोव्स्काया ने कहा, "आम तौर पर हम जानवरों की पसंद और कीमत जैसे विभिन्न कारणों से जानवरों के लिए आयातित उत्पाद का इस्तेमाल करते हैं." हम देख रहे हैं कि क्या किया जा सकता है, लेकिन यह इतना आसान नहीं होगा." रूसी अधिकारियों ने भरोसा जताया है कि जल्द ही अधिकांश उत्पादों के लिए नए सप्लायर खोज लिए जाएंगे, भले ही कुछ उत्पादों की जगह भरना आसान नहीं होगा.
प्रधानमंत्री दिमित्री मेद्वेदेव ने गुरुवार को यूरोपीय संघ, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा से आने वाले अधिकांश खाद्य आयात पर रोक लगाने की घोषणा की. इसमें बीफ और पोर्क के उत्पादों के अलावा फल, सब्जी, पोल्ट्री, मछली, चीज, दूध और डेयरी वाले उत्पादों पर भी रोक शामिल है. रूस खाने के सामान की अपनी जरूरत का 35 फीसदी हिस्सा विदेशों से खरीदता है. सरकार ने कहा है कि रूस इस कमी को घरेलू उत्पादों और दूसरे देशों से खरीद के जरिए पूरा करेगा.
काचुरोव्स्काया ने कहा है कि चिड़ियाघर को खासकर मछली और सेलेरी और सेब जैसे ताजा फल सब्जियों के लिए नए सप्लायर पाने की चिंता है, "बहुत से जानवर सेब खाते हैं और हम पोलैंड का सेब इसलिए खरीदते थे कि वह अच्छी क्वालिटी का और किफायती था." मॉस्को के चिड़ियाघर में 150 से ज्यादा जंगली जानवर हैं. वह इस साल अपनी स्थापना की 150वी जयंती मना रहा है, लेकिन प्रतिबंधों के चक्कर में जयंती का मजा किरकिरा हो रहा है.
एमजे/आईबी (एएफपी)