प्रायोजक चाहते हैं वर्ल्ड कप भारत जीते
१७ फ़रवरी २०११दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमियों के लिए शनिवार से महाकुंभ शुरू हो रहा है. वर्ल्ड कप की साझा मेजबानी कर रहे भारत में तो हर कोई अपनी टीम की कामयाबी की दुआ कर रहा है. लेकिन इस दुआ में कुछ और हाथ भी उठ रहे हैं. ये हाथ हैं विज्ञापनदाताओं, वर्ल्ड कप के आयोजकों, प्रायोजकों और वर्ल्ड कप के मैचों का सीधा प्रसारण करने वाले टीवी चैनलों के.
के आर चौकसे कंसल्टेंसी के विश्लेषक रोहित माहेश्वरी कहते हैं, "अगर भारतीय टीम सेमीफाइनल से पहले ही वर्ल्ड कप से बाहर हो गई, तो यह बुरा होगा. मैचों की टिकट बिक्री में कमी आएगी. विज्ञापन के रेट गिर जाएंगे और टूर्नामेंट में लोगों की दिलचस्पी खत्म हो जाएगी."
जानकारों का कहना है कि वर्ल्ड कप के प्रसारण अधिकार रखने वाले ईएसपीएन-स्टार चैनलों ने अंतिम मैचों के लिए 20 प्रतिशत विज्ञापनें की बुकिंग फिलहाल नहीं की है. चैनल को उम्मीद है कि भारतीय टीम के अंतिम दौर में होने से विज्ञापन के दाम बढ़ाए जा सकते हैं.
दसवें क्रिकेट वर्ल्ड कप में अब तक विज्ञापन से 15 करोड़ डॉलर की कमाई हो चुकी है, जो पिछले वर्ल्ड कप से पचास प्रतिशत अधिक है. वर्ल्ड कप 2007 में भारत और पाकिस्तान जैसी टीमें पहले दौर में ही बाहर हो गई थीं, जिससे इन देशों में वर्ल्ड कप के प्रति आकर्षण खत्म हो गया था.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने भी कहा है कि टूर्नामेंट की सफलता के लिए जरूरी है कि भारत जैसी मजबूत टीमें अंतिम दौर तक बनी रहें. इस सप्ताह की शुरुआत में आईसीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हारून लोगार्ट ने कहा था कि अगर मेजबान देश टूर्नामेंट में बने रहेंगे तो लोगों की दिलचस्पी भी कायम रहेगी.
टूर्नामेंट के डायरेक्टर रत्नाकर शेट्टी ने भी कहा है कि इस वर्ल्ड कप का फॉर्मेट इस तरह बनाया गया है कि सभी मजबूत टीमों के पास पर्याप्त मौके रहें.
शेट्टी ने ईएसपीएन-स्टार की वेबसाइट पर कहा, "भारत क्रिकेट की दुनिया का वित्तीय केंद्र है. 2007 के वर्ल्ड कप में जब भारत और पाकिस्तान की टीमें टूर्नामेंट से बाहर हो गई थीं तो प्रायोजक, ब्रॉडकास्टर, टूर ऑपरेटरों के साथ साथ वेस्ट इंडीज क्रिकेट बोर्ड को भी बहुत नुकसान हुआ था."
दूसरी तरफ प्रायोजकों का कहना है कि अगर टीम इंडिया फाइनल में जगह बनाए और खिताब भी जीत ले तो हमारे लिए इससे अच्छी बात हो ही नहीं सकती. वर्ल्ड कप के खास प्रायोजकों में शुमार कैस्ट्रोल इंडिया के गिरिराज बागरी ने कहा, "वर्ल्ड कप से पहले ही हमने सारी तैयारियां कर ली हैं. अगर भारत खिताब जीतता है तो यह हमारे लिए सपने के सच होने जैसा होगा, लेकिन इसके अलावा भी हमारे ब्रांड का खासा प्रचार होगा."
विश्लेषकों का कहना है कि वर्ल्ड कप और अप्रैल में शुरू होने वाले इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान विज्ञापन से 33 करोड़ डॉलर की कमाई होने का अनुमान है और इस दौरान कंपनियां भी विज्ञापन देने के लिए अपना बजट 15 से 20 प्रतिशत बढ़ाएंगी.
रिपोर्टः रॉयटर्स/एस खान
संपादनः ए कुमार