फिक्सिंग में फंसे केर्न्स ने कहा, वह चोर नहीं
७ मार्च २०१२केर्न्स का दावा है कि मोदी के एक ट्वीट ने उनका करियर तबाह कर दिया. 2010 में मोदी ने एक ट्वीट किया था, जिसमें केर्न्स पर मैच फिक्सिंग के आरोप लगाए गए थे. मोदी का कहना है कि 2008 में भारत की आईसीएल क्रिकेट में चंडीगढ़ लायन के लिए खेलते हुए न्यूजीलैंड के क्रिकेटर ने कई मैच फिक्स किए. उस वक्त मोदी क्रिकेट के सबसे ताकतवर लोगों में शामिल थे और भारतीय क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई ने आईसीएल को प्रतिबंधित कर दिया था.
लंदन की अदालत में 41 साल के केर्न्स ने मोदी के खिलाफ केस कर दिया है. उनका कहना है कि कुछ शब्दों के इस ट्वीट ने उनके बरसों के क्रिकेट पर तो पानी फेर ही दिया, उनकी निजी जिंदगी भी खराब कर दी. लंदन की अदालत में मंगलवार को केर्न्स ने बार बार कहा, "मैंने कभी चोरी नहीं की है." इस मामले की खबर दो साल पहले क्रिकेट की सबसे बड़ी वेबसाइट क्रिकइंफो पर छपी थी. हालांकि तब केर्न्स ने इस पर सवाल उठाए थे. जिसके बाद क्रिकइंफो ने खबर हटा ली थी, केर्न्स से माफी मांगी थी और उन्हें मुआवजा भी दिया था.
बड़े बड़े आरोप
केर्न्स पर आरोप है कि हर मैच की फिक्सिंग के लिए उन्हें सट्टेबाजों से 25,000 डॉलर मिलने थे. इस मामले में दूसरे दिन की सुनवाई के दौरान घंटों जिरह चलती रही, जिसमें मोदी के वकील रोनाल्ड थ्वेटस ने केर्न्स से सवाल किए. उन्होंने कई बार अपने तेज सवाल से केर्न्स को परेशान कर दिया और यह भी पूछा कि उन्हें आखिर क्यों टीम से निकाला गया. केर्न्स ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि इनसे वह दुखी और निराश हैं.
उन पर आरोप है कि चंडीगढ़ की टीम के साथ खेलते हुए उन्होंने अपने उप कप्तान नयन मोंगिया के साथ मिल कर मैच फिक्सिंग की. इस मामले में युवा क्रिकेटरों राजेश शर्मा और गौरव गुप्ता का नाम भी आया. दावा है कि एक मैच में गुप्ता से कहा गया कि वह पांच रन बनाने से पहले आउट हो जाए. हालांकि न्यूजीलैंड के पूर्व ऑलराउंडर इस बात से इनकार करते हैं.
क्यों ली मोटी रकम
उन पर शक इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि 2008 के आईसीएल से पहले उन्होंने हीरा कंपनी से बड़ी रकम ली थी और उसे अपने दुबई के बैंक अकाउंट में जमा किया था. हालांकि केर्न्स का दावा है कि यह पैसे पाक साफ थे. उन्होंने अपनी पत्नी के साथ दुबई में नया घर बनाया था.
क्रिकेट में अचानक मैच फिक्सिंग का जिन्न दोबारा से बाहर निकल आया है और इस मामले में पाकिस्तान के तीन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों को जेल की सजा भी हो चुकी है. मोहम्मद आमिर तो अपनी सजा काट कर बाहर आ चुके हैं लेकिन मोहम्मद आसिफ और सलमान बट के तौर पर दो पाकिस्तानी क्रिकेटर अभी भी इंग्लैंड की जेल में हैं. उनके अलावा मर्विन वेस्टफील्ड को भी जेल की सजा मिल चुकी है.
फिक्सिंग का इतिहास
बड़े पैमाने पर क्रिकेट में मैच फिक्सिंग के आरोप 2000 में पहली बार लगे थे, जिसके बाद भारत के कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन को खेल छोड़ना पड़ा, जबकि दक्षिण अफ्रीका के उस वक्त के कप्तान हैंसी क्रोन्ये ने फिक्सिंग की बात मान भी ली. बाद में एक विमान हादसे में क्रोन्ये की मौत हो गई.
केर्न्स पर आरोपों के बीच यह बात भी सामने आई कि ऑस्ट्रेलिया के महान विकेटकीपर रोडनी मार्श ने एक बार उस बल्ले पर ऑटोग्राफ देने से इनकार कर दिया, जिस पर केर्न्स का ऑटोग्राफ पहले से था. उनका कहना था कि वह न्यूजीलैंड के इस क्रिकेटर के साथ अपना नाम नहीं जोड़ना चाहते. केर्न्स ने इस बात को माना है लेकिन यह भी दावा किया है कि उन्होंने मार्श के साथ इस मसले को सुलझा लिया.
मैच फिक्सिंग की सुनवाई लंदन के हाई कोर्ट में करीब दो हफ्ते तक चलेगी और इस दौरान भारत के गवाहों से वीडियो कांफ्रेंसिंग पर पूछताछ होगी.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः महेश झा