फिटनेस हैं टीम इंडिया की चिंता का सबब
५ फ़रवरी २०११भारत को 28 सालों से वर्ल्ड कप का इंतजार है और क्रिकेट इतिहास में सिर्फ एक बार ही वर्ल्ड कप भारतीय टीम और प्रशंसकों को नसीब हुआ है. इस बार खेल प्रेमियों को आस है कि भारतीय टीम महेंद्र सिंह धोनी के नेतृत्व में यह कारनामा कर दिखाएगी.
अनिल कुंबले भी यही मानते हैं लेकिन फिटनेस से थोड़ा चिंतित हैं. "मेरी चिंता खिलाड़ियों की फिटनेस से जुड़ी है. अगर खिलाड़ी चोट की वजह से बाहर नहीं होते और पूरे टूर्नामेंट में खेलते हैं तो निश्चित रूप से भारत वर्ल्ड कप जीतने में कामयाब होगा."
कुंबले ने कहा भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका और श्रीलंका के पास भी वर्ल्ड कप जीतने का अच्छा मौका है. "हमारी उम्मीदें काफी अच्छी हैं. शायद हमें कप जीतने का इससे अच्छा मौका न मिले." आखिरी बार भारत ने 1983 में कपिल देव की कप्तानी में वर्ल्ड कप जीता और अनिल कुंबले के मुताबिक उस समय भारतीय टीम के पक्ष में कई बातें थीं.
इस बार भारतीय टीम के हक में क्या बातें हैं, इस पर कुंबले कहते हैं, "हमारे खिलाड़ी अच्छी फॉर्म में हैं और मजबूत खिलाड़ी हमारे पास हैं. कुछ ऑलराउंडर हैं जो गेंद और बल्ले में अपना जौहर दिखा सकते हैं."
कुंबले 1996, 1999, 2003, 2007 में वर्ल्ड कप में भारत की मुहिम का हिस्सा रह चुके हैं. भारत के सबसे कामयाब गेंदबाज अनिल कुंबले का मानना है कि टीम इंडिया को घरेलू परिस्थितियों में खेलने का लाभ मिलेगा.
"मजबूत टीम होने के अलावा हमें जानी पहचानी पिचों पर खेलने का फायदा होगा. हम परिस्थितियों को बेहतर ढंग से समझते हैं और जानते हैं कि पिच और मौसम का बर्ताव कैसा रहेगा."
1996 के सेमीफाइनल और 2003 के फाइनल में पहुंच कर भी भारत वर्ल्ड कप से दूर रह गया. कुंबले को भी हारने का मलाल है और वह कहते है कि इतने करीब आकर जीत से दूर रह जाना निराशानजक है. इसलिए भी क्योंकि भारत खिताबी जीत के काबिल रहा है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: ए कुमार