फिर इतिहास लिखा हेल्मुट कोल ने
१ जुलाई २०१७हेल्मुट कोल को हमेशा से ही सही घड़ी का अहसास रहता था. उनकी सूझबूझ और हठ का नतीजा था कि जर्मनी का विभाजन खत्म हुआ और उसके साथ यूरोपीय संघ का रास्ता खुला जैसा कि हम उसे आज जानते हैं. उन्होंने ऐतिहासिक मौके को पहचाना, पहल की और अपने इरादों से पीछे नहीं हटे. नुकसान की परवाह किये बिना और अपने आसपास के परिवेश में भी.
इसके साथ पूर्व चांसलर ने सिर्फ दोस्त ही नहीं बनाये, बल्कि इस गुण के साथ उन्होंने यूरोप नाम वाले घर की आधारशिला रखी, जो आज अच्छी हालत में नहीं है. नये उभरते राष्ट्रवाद के बीच सदस्य देश यूरोपीय संघ की जरूरत पर सवाल उठा रहे हैं. ब्रिटेन ने सदस्यता छोड़ने का फैसला कर लिया है, डॉनल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाला अमेरिका भरोसेमंद साथी नहीं रह गया है.
प्रतीक यूरोपीय झंडा
इस नयी असुरक्षा के बीच हेल्मुट कोल का शोक समारोह हुआ. दुनिया भर के वर्तमान और पुराने राज्य व सरकार प्रमुख यूरोपीय संघ के संस्थापकों में शामिल रहे हेल्मुट कोल को विदा कहने स्ट्रासबुर्ग आये. स्पेन का राजपरिवार आया, कोल के साथ काम करने वाले बहुत सारे राजनेता आये. और केंद्र में हेल्मुट कोल का ताबूत, उनकी इच्छा पर जर्मन झंडे के बदले यूरोपीय झंडे में लिपटा.
यूरोपीय संघ के आयोग प्रमुख जाँ क्लोद युंकर के शब्द संवेदनापूर्ण थे. यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष डोनल्ड टुस्क और दूसरे राजनेताओं ने कोल के योगदान की सराहना बहुत तकनीकी शब्दों में की. आखिर में चांसलर अंगेला मैर्केल ने एक व्यक्तिगत भाषण में हेल्मुट कोल को इस बात के लिए धन्यवाद दिया कि वह वहां आजाद यूरोप में खड़ी है.
क्लिंटन का भाषण
लेकिन अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने सबको इस बात का अहसास कराया कि उस क्षण क्या घटित हो रहा है. वह यह कि हेल्मुट कोल फिर से इतिहास लिख रहे थे. बिल क्लिंटन ने जीवन की क्षणभंगुरता, विरासत और जिम्मेदारी की बात की. स्ट्रासबुर्ग में हेल्मुट कोल के ताबूत के ऊपर यूरोपीय संघ की रूह फिर दिखी, एक दूसरे का आदर करते हुए आपसी रिश्ते को संवारने का संकल्प ताकि यूरोपीय धरती पर फिर कभी कोई युद्ध संभव न हो.
हेल्मुट कोल एक बार फिर जीवंत हो उठे. उनसे विदाई का मौका खुद को यकीन दिलाने की घटना बन गयी. इसमें बहुत सी शुरुआत छिपी है. एक ताकत जिसकी यूरोप को जरूरत है. एक ऐतिहासिक क्षण, जो हेल्मुट कोल को पसंद आता.