फिर नंबर एक बन सकते हैं फेडरर
७ जुलाई २०१२यदि फेडरर इस मैच में मरे को हरा देते हैं तो वह एक बार फिर नंबर एक खिलाड़ी बन जाएंगे. लेकिन दबाव केवल फेडरर पर नहीं एंडी मरे पर भी बना हुआ है. मरे 1938 के बाद से ब्रिटेन के पहले खिलाड़ी हैं जो ग्रीन कोर्ट पर ग्रैंड स्लैम के फाइनल में पहुंचे हैं. 1936 में फ्रेड पैरी के बाद से ब्रिटेन ट्रॉफी पर अपना हक नहीं जता पाया है.
फेडरर नंबर एक की वरीयता वाले नोवाक जोकोविच को हराकर फाइनल में पहुंचे हैं. यह मैच चार सेट तक चला. जोकोविच को हराने के बाद तीस साल के फेडरर ने कहा, "बेशक मैं टाइटल जीतना चाहता हूं. मेरे सामने अब एक मैच और है. हर जीत मेरा आत्मविश्वास और बढ़ा देती है. मैं उम्मीद करता हूं कि इस आत्मविश्वास का मैं फाइनल में इस्तेमाल कर सकूंगा."
सेमीफाइनल में फेडरर का बेहतरीन प्रदर्शन मरे के लिए चिंताएं बढ़ा रहा है. पिछले साल जनवरी में फेडरर ने अपना 16वां ग्रैंड स्लैम ऑस्ट्रेलिया में मरे के खिलाफ ही जीता था. मरे के खिलाफ फेडरर का औसत 7-8 का है. वे दोनों अब तक छह बार फाइनल में भिड़ चुके हैं. इनमें से चार मैच फेडरर के और दो मरे के पक्ष में रहे. फेडरर ने मैच के लिए कमर कसी हुई है, "मैं जानता हूं कि एंडी कितना अच्छा (खिलाड़ी) है और फाइनल में मुझे उसके हाथों मुंह की भी खानी पड़ी है. मुझे याद है कि फाइनल में उसने किस तरह से मुझे नुकसान पहुंचाया है, खास तौर से शंघाई में उसने मुझे बुरी तरह से हरा दिया था और टोरंटो में भी." ये दोनों ही मैच 2010 में खेले गए थे.
फेडरर ने चुनौती भरे स्वर में कहा है, "मैं हमेशा कहता हूं कि मैं जिस भी देश में हूं मैं वहां के लोकल हीरो के साथ खेलना पसंद करूंगा और एंडी यहां विंबलडन में वही तो हैं... हमने लम्बे समय से साथ नहीं खेला है और इसलिए यह काफी रोमांचक होगा." फेडरर ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि मैच के दौरान उन्हें दर्शकों का थोड़ा बहुत समर्थन मिलेगा, "लेकिन इस वक्त यह सबसे जरूरी बात नहीं है."
चौथी वरीयता वाले मरे के कन्धों पर 76 साल बाद देश के लिए ट्रॉफी लाने की जिम्मेदारी है, "यह मेरे लिए एक बड़ी चुनौती है, और एक ऐसी चुनौती जहां मुझसे उम्मीद ही नहीं की जा रही कि मैं जीतूंगा. लेकिन अगर मैं अच्छा प्रदर्शन करूं, तो मुझमें जीतने की काबिलियत है." मरे मैच को लेकर मीडिया के आगे टिपण्णी करने से बच रहे हैं, लेकिन फेडरर की तारीफ करने में उन्होंने कमी नहीं छोड़ी, "रॉजर के खिलाफ एक ग्रैंड स्लैम के फाइनल में जीतना बहुत ही बड़ी चुनौती है. वह यकीनन अब तक का सबसे बेहतरीन खिलाड़ी है. यहां विंबलडन में उसे हराना बहुत, बहुत ही मुश्किल काम है."
आईबी/एनआर (डीपीए)