फिल्म की आलोचना की परवाह नहीं करते रामू
३० नवम्बर २०१०रक्त चरित्र-2 एक नेता पारिताला रवींद्र के जीवन पर आधारित है जिसमें विवेक ओबरॉय और सूर्या किरदार निभा रहे हैं. रक्त चरित्र का पहला भाग विवादों में घिरा रहा और मानवाधिकार आयोग ने शिकायती लहजे में कहा कि फिल्म में हिंसा को ग्लैमर का रूप देने की कोशिश की गई है.
इसके अलावा तेलगुदेशम पार्टी के कार्यकर्ताओं ने हिंसक प्रदर्शन किए और फिल्म से कुछ दृश्य हटाने की मांग की. टीडीपी कार्यकर्ता फिल्म से उन दृश्यों को हटाने की मांग कर रहे थे जिनमें कथित तौर पर आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एनटी रामाराव को गलत ढंग से प्रस्तुत किया गया.
लोगों की त्योरियां तब चढ़ीं जब फिल्म में शिवाजी राव (एनटीआर पर आधारित किरदार) प्रताप (पारिताला रवि) को आदेश देता है कि वह बुक्का रेड्डी को मार दे. जबकि वास्तविकता यह है कि रेड्डी की हत्या से एक साल पहले ही एनटीआर की मौत हो चुकी थी.
फिल्म के बारे में बात करते हुए निर्देशक राम गोपाल वर्मा कहते हैं, " यह कहानी पारिताला रवि के जीवन पर आधारित है. लेकिन फिल्म में फिक्शन है इसलिए कुछ बदलाव भी किए गए हैं. यह हमने कभी नहीं सोचा कि इसे बिलकुल असल जिंदगी की घटनाओं के अनुरूप ढाला जाएगा."
फिल्म का पहला हिस्सा 22 अक्तूबर को रिलीज हुआ और समीक्षकों ने उसे साधारण या फिर ठीकठाक बताया. राम गोपाल वर्मा कहते हैं, "फिल्म समीक्षा मेरे लिए मायने नहीं रखती. कुछ लोग जरूर हैं जो समीक्षा के आधार पर ही फिल्म देखने या न देखने का फैसला करते हैं." राम गोपाल वर्मा के मुताबिक रक्त चरित्र-2 को पहले नवंबर के आखिरी हफ्ते में रिलीज किया जाना था लेकिन फिर तारीख आगे बढ़ा कर 3 दिसंबर कर दी गई. प्रोडक्शन का कुछ काम होने की वजह से यह फैसला लिया गया.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: एमजी