"फीफा सदस्यों ने वोट के बदले रिश्वत मांगी"
११ मई २०११ट्राइजमैन ने जैक वॉर्नर, रिकार्डो टिशिएरा, निकोलस लियोज और वोरावी माकुदी को कटघरे में खड़ा किया है. 2018 के वर्ल्ड कप फुटबॉल की मेजबानी के लिए इंग्लैंड भी दौड़ में था. ट्राइजमैन आरोप लगा रहे हैं कि इंग्लैंड के पक्ष में वोट डालने के लिए कई सदस्य रिश्वत की मांग कर रहे थे. ब्रिटिश संसदीय जांच समिति के सामने ट्राइजमैन ने अपना बयान दिया है. इस जांच के जरिए यह जानने की कोशिश हो रही है कि वर्ल्ड कप की मेजबानी की दौड़ में इंग्लैंड कैसे हारा. अब वर्ल्ड कप का आयोजन रूस करेगा.
कतर के लिए भी रिश्वत
जांच में शामिल सांसदों ने ऐसे दो फीफा सदस्यों के नाम भी बताए हैं जिन्होंने 2022 के लिए कतर की दावेदारी के पक्ष में वोट डालने के लिए 15 लाख डॉलर की रिश्वत ली. फीफा के लिए यह रहस्योद्घाटन शर्मिंदगी का कारण बनता जा रहा है. कार्यकारी समिति के 24 सदस्यों में से आठ के आचरण पर ब्रिटिश मीडिया ने अंगुली उठाई है और उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं.
ज्यूरिख में 1 जून को फीफा के नए अध्यक्ष के लिए चुनाव होना है जिसमें फीफा के मौजूदा अध्यक्ष जैप ब्लाटर भी अपनी दावेदारी पेश करेंगे. उन्हें सबसे पहले 1998 में चुना गया. एशियन फुटबॉल कॉन्फेडरेशन के चीफ मोहम्मद बिन हम्माम उनके खिलाफ मैदान में उतरेंगे.
ट्राइजमैन के दावों पर कुछ फीफा सदस्यों ने आपत्ति दर्ज कराई है और टिशिएरा ने कहा है कि वह ब्लाटर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का मन बना रहे हैं. ब्लाटर ने कहा है कि इन आरोपों से वह सन्न हैं लेकिन किसी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले वह ठोस सबूत देख लेना चाहते हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: वी कुमार