फुटबॉल को खुमार बनाने वाले अधिकारी फंसे
१२ जुलाई २०१२ब्राजील के जोआओ एविलॉन्जे 1974 में अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल संघ फीफा के प्रमुख बने. उन्होंने वादा किया कि वह फुटबॉल को चांद तारों पर पहुंचा देंगे. और वाकई उन्होंने ऐसा किया भी. उनके कार्यकाल में फुटबॉल विश्वकप में हिस्सा लेने वाले देशों की संख्या दोगुनी हो गई. 16 से 32 देश हो गए. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्द्धा में एशिया और अफ्रीका की भागीदारी तय की. एविलॉन्जे से पहले फुटबॉल में यूरोप के अधिकारियों का ही दबदबा था, उन्होंने इस परम्परा को तोड़ दिया.
1974 तक फीफा की आय का मुख्य स्त्रोत टिकट बिक्री थी. स्टेडियम में जितने दर्शक आते, उतनी कमाई होती. लेकिन एविलॉन्जे ने इसे बदल दिया. फुटबॉल का व्यावसायीकरण उन्होंने ही शुरू किया. 1978 में अर्जेंटीना में हुए वर्ल्ड कप में पहली बार निजी कंपनियां प्रायोजक बनी. कोका कोला और एडिडास के साथ 80 लाख डॉलर का करार हुआ. उनकी अगुवाई में फीफा ने लाइव टेलीकॉस्ट शुरू करवाने की राह पकड़ी. 1987 में फीफा ने तीन वर्ल्ड कपों के यूरोप में टीवी प्रसारण अधिकार 44 करोड़ डॉलर में बेचे. एविलॉन्जे ने फीफा में नया ढांचा बनाया. ज्यूरिख में बनाए नए मुख्यालय में उन्होंने जनसंपर्क और मार्केटिंग जैसे विभाग खड़े किये. देखते ही देखते फीफा दुनिया की सबसे अमीर खेल संस्था बन गई.
लेकिन यही दौर था जब एविलॉन्जे ने रिश्वत भी ली. 24 साल तक फीफा प्रमुख रहने वाले एविलॉन्जे ने प्रसारण अधिकार बेचने के एवज में स्विट्जरलैंड की एक कंपनी से रिश्वत ली. रिश्वत की रकम उन्होंने स्विस बैंकों में जमा कराई. स्विट्जरलैंड के बैंकों में उनके नाम पर 15 लाख स्विस फ्रांक यानी करीब 8.50 करोड़ रुपये जमा हैं. एविलॉन्जे ने अपने दामाद रिकॉर्डो टाइसेइरा के साथ मिलकर रिश्वत ली. टाइसेइरा फीफा की एक्जीक्यूटिव समिति के सदस्य थे. उन्होंने करीब 1.27 करोड़ फ्रांक रिश्वत ली.
रिश्वत इंटरनेशलन स्पोर्ट्स एंड लाइजर (आईएसएल) ने दी. पैसे के लेन देन से जुड़े दस्तावेज स्विट्जरलैंड के सुप्रीम कोर्ट और बीबीसी ने सार्वजनिक किये हैं. रिश्वत के बदले आईएसएल फीफा का मार्केटिंग पार्टनर बना. 1998 में एविलॉन्जे के फीफा प्रमुख पद से हटने के बाद आरोपों की जांच शुरू हुई. 2001 में आईएसएल धराशायी हो गई.
समय समय पर भ्रष्टाचार और वित्तीय गड़बड़ी का आरोप झेलने वाले अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल संघ ने अपनी वेबसाइट पर एक बयान जारी कर कहा है, "स्विस फेडरल कोर्ट के फैसले से साफ है कि दो विदेशी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही होगी. फीफा प्रमुख इसमें शामिल नहीं हैं."
एविलॉन्जे के बाद 1998 में स्विट्जरलैंड के जेप ब्लाटर फीफा प्रमुख बने. कोर्ट से जारी दस्तावेजों में कहा गया है कि ब्लाटर को इस बात की जानकारी थी कि एविलॉन्जे और उनके दामाद ने रिश्वत ली. 42 पन्नों के दस्तावेज के मुताबिक एविलॉन्जे और टाइसेइरा के खिलाफ आरोप गिराने के एवज में फीफा ने 25 लाख स्विस फ्रांक का मुआवजा देने की भी पेशकश की.
आरोपों के बाद अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल संघ के साथ 48 साल तक जुड़े रहने वाले ब्राजीलियाई मैनेजर एविलॉन्जे ने बीते साल दिसंबर में फीफा के मानद अध्यक्ष और अंतराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के सदस्य पद से इस्तीफा दे दिया. कई ओलंपिक खेलों में ब्राजील के तैराक और वाटर पोलो खिलाड़ी रह चुके एविलॉन्जे अब 96 साल के हैं. उम्र को देखते हुए उन्हें सजा दिये जाने की संभावना नहीं है. हालांकि टाइसेइरा को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. टाइसेइरा को हाल ही मे ब्राजील फुटबॉल संघ और 2014 वर्ल्ड कप की कार्यकारी समिति के प्रमुख पद से इस्तीफा देना पड़ा है.
रिपोर्ट: ओंकार सिंह जनौटी (एएफपी, रॉयटर्स)
संपादन: महेश झा