बजट पर टकराए ईयू देश
१० नवम्बर २०१२मंगलवार को 27 सदस्य देश एक बार फिर बातचीत की मेज पर मिलेंगे. अगर उसके बाद भी बजट पर एक राय नहीं बनती, तो यूरोपीय आयोग बजट का नया मसौदा बनाने पर सोचेगा. यूरोपीय संघ के मंत्रियों ने उम्मीद जताई है कि बजट पर समझौता समय से हो जाएगा.
ईयू की सरकारें और ईयू संसद इस बात पर एकमत नहीं हो पा रहे कि अगले साल कितना पैसा खर्च होना चाहिए. सदस्य देश 132.7 अरब यूरो का बजट चाहते हैं जो पिछले साल के मुकाबले 2.8 फीसदी ज्यादा है. जर्मनी, नीदरलैंड्स और डेनमार्क सहित स्पेन और फ्रांस भी चाहते हैं कि इससे ज्यादा पैसे खर्च न हों. ईयू में स्पेन के राजदूत आल्फोंसो दास्तिस कहते हैं, "इसे बचत के संदर्भ में समझना होगा. स्पेन की सरकार बहुत सारी कटौतियां कर रही है इसलिए ईयू के लिए जरूरी है कि वह भी कुछ कटौती करे."
उधर ईयू के सांसद 137.9 अरब यूरो का बजट चाहते हैं. यह पिछले साल के मुकाबले 6.8 फीसदी ज्यादा है. उनका कहना है कि इस पैसे को उन कामों में लगाया जाएगा जिसे लेकर पहले ही फैसला हो चुका है. 2013 के बजट के साथ साथ 2012 के बजट में भी बदलाव होने हैं. यूरोपीय आयोग ने अपने खर्चे के लिए नौ अरब यूरो की मांग की है और इटली में भूकंप से प्रभावित इलाकों के लिए 67 करोड़ यूरो की अर्जी दी है. ईयू के देश चाहते हैं कि 2012 और 2013 के बजट को एक साथ देखा जाए जबकि संसद चाहता है कि इनके बारे में अलग अलग बातचीत हो.
ईयू देशों के प्रतिनिधि बजट पारित कराने में इन परेशानियों से चिंतित हैं. आयरलैंड में राज्य वित्त मंत्री ब्रायन हेस कहते हैं कि यूरोपीय देशों में इस तरह के बहस दुनिया में एक बुरी छवि बनाते हैं. और नेताओं का भी कहना है कि निवेशकों को इससे गलत संकेत मिलते हैं.
बहरहाल, दो भूकंपों के विनाश से जूझ रहे इतालवी शहर रोमेन्या को पुनर्निर्माण के लिए पैसों की जरूरत है. और जहां तक ईयू का सवाल है, अगर बजट आने वाले मंगलवार तक पारित नहीं होता तो यूरोपीय आयोग को जल्द एक और मसौदा तैयार करना होगा जिससे कि साल के अंत तक बजट तय हो सके.
एमजी/एनआर(रॉयटर्स, डीपीए)