बयान पर तनाव के बीच जरदारी-कैमरन मिले
६ अगस्त २०१०लंदन में दोनों नेताओं ने निजी भोज किया और शुक्रवार को उनकी फिर मुलाकात होगी. भोज से पहले ब्रिटेन की सरकार ने उम्मीद जताई की यह मुलाकात दोनों देश के आपसी संबंधों को मजबूत करने के लिए मददगार साबित होगी.
इस बैठक में आपसी हितों के सभी मुद्दों पर चर्चा होगी. कुछ दिन पहले ब्रिटेन और पाकिस्तान के बीच खटास तब पैदा हो गई जब भारत यात्रा पर आए कैमरन ने कहा कि पाकिस्तान में कुछ तत्व आतंकवाद को बढ़ावा दे रहे हैं.
कैमरन ने कहा कि उन्हें भारत, अफगानिस्तान या फिर दुनिया में कहीं और आतंकवाद का निर्यात करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए. कैमरन के बयान पर पाकिस्तान ने आपत्ति जताई लेकिन कैमरन ने अपने शब्द वापस लेने से इनकार कर दिया. आसिफ अली जरदारी ने भी कहा है कि वह कैमरन के साथ बिना किसी लाग लपेट के बात करेंगे और आतंकवाद के खतरे के बारे में उन्हें जानकारी देंगे.
कुछ ही दिन पहले पैरिस में फ्रांस के नेताओं से मुलाकात के बाद जरदारी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकता होनी चाहिए, विभाजन नहीं. "मैं कैमरन को बताऊंगा कि आतंकवाद के मुकाबले में दुनिया में सबसे बड़ी कीमत पाकिस्तान चुका रहा है."
जरदारी कैमरन की राय को चुनौती देना चाहते हैं. हालांकि ब्रिटेन की सरकार का कहना है कि प्रधानमंत्री पाकिस्तान के राष्ट्रपति का स्वागत करने का इंतजार कर रहे हैं.
गुरुवार को जरदारी ने ब्रिटेन की गृहमंत्री टेरेसा मे और शिक्षा मंत्री माइकल गोव के साथ बात की. जरदारी और मे के बीच हुई बातचीत में खुफिया एजेंसियों के बीच आपसी मदद और यूरोपीय संघ के बाहर से देशों से आने वाले आप्रवासियों की संख्या सीमित करने की ब्रिटेन की योजना पर बातचीत हुई. पाकिस्तान में आई भयंकर बाढ़ के बावजूद जरदारी के विदेश यात्रा पर जाने की वजह से उनकी आलोचना भी हो रही है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़
संपादन: आभा एम