बर्लिन की दीवार की सैर
बर्लिन शहर को दो हिस्सों में बांटने वाली दीवार 13 अगस्त 1961 को खड़ी की गई और 9 नवंबर 1989 को गिराई गई. चलिए बर्लिन के इतिहास, संस्कृति और प्रकृति को एक साथ समेटे हुए बर्लिन वॉल ट्रेल पर.
बर्लिन वॉल ट्रेल
बर्लिन की दीवार ने 28 सालों तक बर्लिन शहर को पश्चिम और पूर्व में बांटा था. इसे गिरे हुए भी अब तीस साल बीत चुका है और साथ ही दोनों पुराने टुकड़ों के बीच का अंतर भी. शीतयुद्ध काल के अवशेष देखने हों तो करीब 160 किलोमीटर लंबे बर्लिन वॉल ट्रेल पर जाना इसका सबसे अच्छा तरीका है.
बर्लिन वॉल मेमोरियल
यह एक राउंड टूर है इसलिए आप इस ट्रेल पर अपनी यात्रा कहीं से भी शुरू कर सकते हैं. हालांकि शुरुआत का सबसे लोकप्रिय बिन्दु बर्लिन वॉर मेमोरियल है. बैर्नाउअर श्ट्रासे पर वॉल के हिस्से रखे हैं और करीब 1.4 किलोमीटर की दूरी तक ये दिखाया गया है कि बॉर्डर की किलेबंदी कैसे की जाती थी. दीवार पार कर पूर्वी जर्मनी से भागने की कोशिश में मारे गए लोगों को भी यहां श्रद्धांजलि दी गई है.
कॉबलस्टोन चिह्न
कॉबलस्टोन पर ऐसी लकीरें बनी हैं जिनसे दर्शक बर्लिन की दीवार की सटीक लोकेशन जान सकें. शहर के बीच से होकर गुजरने वाली दीवार की करीब 40 किलोमीटर की लंबाई को ऐसे दर्शाया गया है. ज्यादातर पूर्वी और पश्चिमी जर्मनीवासी 9 नवंबर 1989 को गिराई गई इस दीवार का नामोनिशान तक मिटा देना चाहते थे.
ब्रांडेनबुर्ग गेट
साइकिल ट्रैक पर चल कर बर्लिन शहर के मध्य की ओर बढ़ते हुए श्प्रे नदी और उसके आसपास स्थित सरकारी इलाके में ही ब्रांडेनबुर्ग गेट है. विभाजक दीवार खड़ी होने के बाद बर्लिन का यह मशहूर प्रतीक 'नो-मैन्स लैंड' में बनाया गया था. हालांकि दीवार के कारण पश्चिमी जर्मनी से तो एक तरह से कट ही गया था.
चेक पॉइंट चार्ली
पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी के बीच का सबसे प्रसिद्ध क्रॉसिंग पॉइंट चेकपॉइंट चार्ली है. पर्यटक यहां रुककर इन सैनिक कॉस्ट्यूमों में सजे एक्टरों के साथ तस्वीरें जरूर लेते हैं. गौर कीजिए सिपाही के हाथ में पकड़ी तख्ती पर क्या लिखा है - "यू आर लीविंग द अमेरिकन सेक्टर." यहां रेड आर्मी की हैट या गैस मास्क जैसे प्रतीक भी बिकते हैं. इसी कारण कई लोग इसे कोल्ड वॉर डिज्नीलैंड भी कहते हैं.
वॉच टावर, पॉट्सडामर प्लात्स
बर्लिन की दीवार पर निगरानी करने के लिए उसके आसपास 300 से भी अधिक वॉच टावर बनाए गए थे. बॉर्डर गार्ड्स यहीं से नजर रखते थे कि कहीं कोई पूर्वी जर्मनी से भागने की कोशिश तो नहीं कर रहा. अब कुछ ही वॉच टावर बचे हैं. जैसे कि पॉट्सडामर प्लात्स के पास खड़ा ये टावर. पहले काफी चौड़े वर्गाकार टावर बनते थे लेकिन 1966 से ऐसे मशरूम के आकार के टावर बनने लगे.
ईस्ट साइड गैलरी
ब्रांडेनबुर्ग गेट के अलावा इस ट्रेल का दूसरा सदाबहार आकर्षण है ईस्ट साइड गैलरी. कई अंतरराष्ट्रीय कलाकारों ने 1990 में बच गई इस 1.3 किलोमीटर लंबी दीवार को पेंट कर इसे दुनिया की सबसे बड़ी खुली कला दीर्घा बना दिया. खासकर लियोनिद ब्रेझनेव और एरिष होनेकर का चुंबन दिखाती ये पेंटिंग तो अब इस आर्ट गैलरी की पहचान बन चुकी है.
ग्लीनिके ब्रिज
शहरी हिस्से से बाहर निकलने पर साइकिल के रास्ते आप बर्लिन के उपनगरीय इलाके में पहुंचते हैं. पॉट्सडाम पहुंचने से ठीक पहले ही यह पुल आता है. शीतयुद्ध काल में इसी पुल पर जासूसों की अदलाबदली हुआ करती थी. सन 1962 में यहां एक केजीबी एजेंट को एक अमेरिकी पायलट के बदले सौंपा गया, जिसे स्टीवन स्पीलबर्ग की फिल्म "ब्रिज ऑफ स्पाइज" में भी दिखाया गया है.
वॉच टावर म्युजियम, हेनिग्सडॉर्फ
इस ट्रेल का बहुत बड़ा हिस्सा जंगलों के बीच से होकर गुजरता है. इससे बर्लिन शहर और आसपास की हरियाली पर भी ध्यान जाता है. हावेल नदी के किनारे पर स्थित ये पूर्व वॉच टावर बर्लिन से करीब 20 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में हैं. यहां दीवार और उसके इस शहर पर असर के इतिहास को प्रदर्शित करता एक छोटा सा संग्रहालय है, जहां प्रवेश शुल्क भी नहीं लगता है.
चेरी ट्री एवेन्यू, पान्को
एक बार फिर शहर में प्रवेश करते हुए चेरी के पेड़ों की कतारें आपका स्वागत करेंगी. पान्को में यह सबसे खूबसूरत नजारा अप्रैल के अंत में दिखता है. यहां के करीब 10,000 पेड़ जापान ने भेंट किए थे जिससे "लोगों के दिलों को शांति मिले." पूर्व दीवार के कई हिस्सों में इन पेड़ों को लगाया गया. यह एवेन्यु बोएजेब्रुके के पास है जो कि दीवार गिरने के दिन खुलने वाली सबसे पहली क्रॉसिंग थी.