बांगलादेश में मदरसों की जांच
३ अप्रैल २००९एक सप्ताह पहले राजधानी ढाका के निकट भोला के एक मदरसे में काफ़ी मात्रा में हथियार बरामद किए गए थे व चार उग्रवादियों को गिरफ़्तार किया गया था. इस बीच देश की गृहमंत्री सहारा खातुन ने कहा है कि सिर्फ़ भोला का बुरहानुद्दीन मदरसा ही नहीं, उग्रवादियों के अन्य अड्डे भी हैं. देश के कानून मंत्री शफ़ीक़ अहमद ने इस सिलसिले में कुछ क़ौमी मदरसों की भूमिका पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा है कि बांगलादेश में अभी तक 122 आतंकवादी संगठन सक्रिय हैं.
बांगलादेश में लगभग 15 हज़ार कौमी मदरसे हैं, जिन्हें कट्टरपंथी माना जाता है. इसके अलावा सरकारी रूप से रजिस्टर्ड 9 हज़ार आलिया मदरसे हैं. गैर सरकारी संगठनों की ओर से भी अनेक मदरसे चलाए जाते हैं. कुल मिलाकर इन मदरसों में 60 लाख छात्र हैं. शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि पिछले दशक में मदरसों की संख्या में 22 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
पुलिस की सूचनाओं के अनुसार देश में पिछले वर्षों के दौरान हुए बम हमलों में अक्सर क़ौमी मदरसों के भूतपूर्व छात्र शामिल रहे हैं. इस सिलसिले में कानून मंत्री शफ़ीक़ अहमद ने कहा कि देश में हुए सभी बम हमलों में इस्लामी उग्रवादी प्रत्यक्ष रूप से शामिल रहे हैं और हमलावर क़ौमी मदरसों के छात्र रहे हैं. देश में इस्लामी उग्रवाद की वृद्धि के लिए उन्होंने सीधे-सीधे 1975 के संविधान को ज़िम्मेदार ठहराया.
मार्शल लॉ की घोषणा के साथ जिस प्रकार का संविधान तैयार किया गया था, धार्मिक आधार पर राजनीतिक दल की स्थापना की जो सुविधा दी गई थी, उससे यह स्थिति पैदा हुई है - कानून मंत्री शफ़ीक अहमद का कहना था. उन्होंने कहा कि धर्मनिरपेक्षता पर चोट करते हुए विदेश से उग्रवाद का आयात किया गया था.
सन 2007 में 6 वरिष्ठ कमांडरों को दी गई मौत की सज़ा के बाद उग्रवादी मुस्लिम संगठनों को काफ़ी धक्का पहुंचा था. गुप्तचर विभाग का कहना है कि वे फिर से संगठित होने की कोशिश कर रहे हैं. कानून मंत्री ने सूचित किया कि मदरसों के लिए एक नई आचार संहिता तैयार की जा रही है.