बांग्लादेश: मदरसे में मिले हथियार
२५ मार्च २००९यह छापा मुस्लिम चैरिटी संस्थाओं की जांच के सिलसिले में मारा गया था जिनपर उग्रपंथियों की सहायता का आरोप है. पिछले महीने राजधानी ढाका में बांग्लादेश राइफ़ल्स के मुख्यालय में हुए विद्रोह में सेना के 56 उच्चाधिकारियों सहित 70 लोग मारे गए थे.
विभिन्न जांचों का समन्वय कर रहे संचार मंत्री फ़ारूक़ ख़ान का कहना है कि विद्रोह का कट्टरपंथी उग्रवादी दलों से संबंध है. उन्होंने लोगों से भगोड़ों को पकड़ने में सहायता की अपील की है.
इससे पहले पुलिस ने दक्षिणी बांग्लादेश के भोला ज़िले में एक मदरसे पर छापा मारा, जो लगभग डेढ़ महीने पहले शुरू हुआ था. रैपिड एक्शन बटालियन के एक अधिकारी मामुनुर रशीद के अनुसार पुलिस को वहां से बड़ी मात्रा में बंदूक, गोला बारूद और विस्फ़ोटक सामग्री मिली.
रशीद ने कहा कि मदरसा ग्रीन क्रिसेंट चैरिटी का है जो ब्रिटेन की धर्मार्थ संस्था है. चैरिटी का एक स्कूल और अनाथालय चल रहा था. हथियारों के अलावा पुलिस को छापे में आपत्तिजनक साहित्य भी मिला है. तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
इल बीच विदेश मंत्री दीपू मोनी ने कहा है कि देश में स्थिति नियंत्रण में है. उनकी राय में उग्रपंथी गतिविधियां अब उतनी ख़तरनाक नहीं हैं, सरकार स्थिति को संभाल सकती है.
लेकिन कपड़ा उद्योग पर आतंकी हमलों को रोकने के लिए पुलिस को सतर्क कर दिया गया है. उप गृह मंत्री तंजीम अहमद सुहैल ने ढाका में कपड़ा उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ भेंट के बाद कहा है कि खुफ़िया रिपोर्टों के अनुसार कुछ उग्रपंथी संगठन कपड़ा कारखानों में तोड़फोड़ कर देश में अस्थिरता लाना चाहते हैं.
बांग्लादेश कपड़ों के निर्यात से हर साल 12 अरब डॉलर की कमाई करता है जबकि देश की लगभग 4000 कपड़ा मिलों में 30 लाख लोग काम करते हैं.
रिपोर्ट: एजेंसियां/डीडब्लयू/महेश झा
संपादन: ए जमाल