बांग्लादेशी कपड़ा मजदूरों को जर्मन मदद
बांग्लादेश में राणा प्लाजा हादसे के बाद जर्मनी ने वहां कपड़ा फैक्ट्री मजदूरों की हालत में सुधार के लिए सहयोग का हाथ बढ़ाया. इस पहल के एक साल पूरा होने पर जर्मनी के आर्थिक सहयोग एवं विकास मंत्री बांग्लादेश पहुंचे.
मेड इन बांग्लादेश
दुनिया में गारमेंट्स का दूसरे नंबर का निर्यातक होने के नाते 2013 में राणा प्लाजा गार्मेंट फैक्ट्री का ढहना सुर्खियों में रहा. बांग्लादेश में कपड़ा फैक्ट्रियों में काम करने वालों की हालत में सुधार और उनकी सुरक्षा के लिए तभी से 'एकॉर्ड', 'एलायंस' और 'टेक्सटाइल्स पार्टनरशिप' जैसे कई कदम उठाए गए हैं.
हिस्सेदारों का साथ
जर्मन पहल 'टेक्सटाइल्स पार्टनरशिप' का मकसद है गार्मेंट्स के उत्पादन के सभी हिस्सेदारों को साथ लाना. ढाका के पास गाजीपुर में डीबीएल ग्रुप टेक्सटाइल पार्टनरशिप से जुड़ा है. इस पहल से जुड़ने के बाद ग्रुप ने कई जरूरी कदम उठाए. जर्मनी के आर्थिक सहयोग एवं विकास मंत्री गैर्ड मुलर ने ग्रुप के प्रयासों की सराहना की.
मोटरसाइकिल पर इंस्पेक्टर
फैक्ट्रियों की हालत पर नजर रखने के लिए 150 नए इंस्पेक्टरों को ट्रेनिंग दी गई है. उनको मोटरसाइकिल दी गई है ताकि वे इमरजेंसी की स्थिति में तुरंत पहुंच सकें और ट्रैफिक जैम से बच सकें.
जागरूकता के लिए प्रयास
ज्यादातर महिला कर्मचारी अपने अधिकारों के बारे में जागरूक नहीं होती हैं. अपने मालिक से मोल तोल करने के लिए भी उन्हें पहले से जानकारी होना जरूरी है. जगह जगह 'विमेंस कैफे' बनाए गए हैं जहां वे ट्रेनिंग लेती हैं और कभी कभार साथ मिलकर लूडो खेलती हैं.
हॉट सीट पर
गारमेंट्स फैक्ट्रियों में काम करने वाली महिलाएं अक्सर हफ्ता भर हर रोज 10 से 14 घंटे काम करती हैं. टेक्सटाइल पार्टनरशिप का मकसद उनके काम की परिस्थितियों को सुधारना भी है.
राजनीतिक समर्थन
बांग्लादेश के वित्त मंत्री तुफैल अहमद भी जर्मन मंत्री के साथ गाजीपुर की फैकट्री में मुआयना करने गए. उन्होंने इस भागीदारी के बारे में भी चर्चा की. कपड़ा मजदूरों की हालत में सुधार के लिए उठाए गए इस कदम में सरकार की अहम भागीदारी है.
मिनी दमकल
एक किलोमीटर के दायरे में स्थित फैक्ट्रियों में आग लगने की स्थिति से बचाने के लिए मिनी दमकल का भी इंतजाम किया गया है.
चाइल्ड केयर
कर्मचारियों के बच्चों के लिए फैकट्रियों को डे केयर सेंटर बनाने को प्रोत्साहित किया जा रहा है. जब मां काम पर होगी, तो बच्चे सेंटर पर सुरक्षित और निगरानी में रह सकते हैं.
एकता का प्रदर्शन
परिवर्तन लाने के लिए बांग्लादेश और जर्मनी की सरकारों के अलावा फैक्ट्री मालिकों, खरीदारों और अन्य हिस्सेदारों को सहयोग निभाना होगा. हालांकि राणा प्लाजा कांड के बाद से स्थिति में काफी सुधार हुआ है.
महत्वकांक्षी योजना
बांग्लादेश सरकार कपड़ों के 25 अरब डॉलर के निर्यात को देश के 50वें स्वतंत्रता दिवस यानि 2021 तक बढ़ाकर 50 अरब डॉलर तक पहुंचाना चाहती है. प्रधानमंत्री शेख हसीना ने गैर्ड मुलर से इस बारे में मुलाकात के दौरान बात की.