बायर्न म्यूनिख के साथ यह क्या हुआ!
१६ मार्च २०११मिलान के सैम्युअल एटो ने तीसरे ही मिनट में गोल दागकर म्यूनिख का पहले दौर का गोल उतार फेंका. लेकिन बवेरियन क्लब म्यूनिख ने भी कच्ची गोलियां नहीं खेली हैं. गोल खाने के बाद पहले हाफ के दौरान खेल पर न सिर्फ उसने कब्जा करके रखा बल्कि दो गोल भी ठोक दिए. मारियो गोमेज और थोमास म्यूलर के गोलों की बदौलत म्यूनिख ने 2-1 की एक बढ़त के साथ दूसरे हाफ में प्रवेश किया.
ब्रेक के बाद खेल शुरू हुआ तो पहले मिलान के लिए खेलने वाले जर्मनी के खिलाड़ी वेजले श्नाइडर ने गोल ठोक कर स्कोर को बराबर किया. उसके बाद खेल में बराबरी आ गई और दोनों तरफ से गोल होने बंद हो गए. खेल के आखिरी हिस्से में मैसिडोनियाई गोरान पांडेव ने गोल करके इंटर मिलान को 88वें मिनट में ऐसी बढ़त दिलाई जिससे म्यूनिख पार नहीं पा सका.
चूके मौकों की कहानी
वैसे हालात अलग रहे होते अगर बायर्न ने दो बेहतरीन मौके न गंवाए होते. हाफ टाइम से पहले फ्रांक रिबेरी को एक गोल करने का अच्छा मौका मिला था. लेकिन उनकी किक गोल से बहुत दूर से निकली. गोमेज ने भी एक बार गोल करने का मौका बना लिया था. उनकी जमाई किक गेंद को गोल पोस्ट के भीतर ले जाती, उससे ठीक पहले आंद्रिया रानोशिया के पांव ने उसकी दिशा बदल दी और गोल चूक गया.
अवे गोल से मिली जीत
इंटर मिलान की यह जीत बड़ी है क्योंकि फैसला अवे गोल के आधार पर हुआ है. चैंपियंस लीग में दोनों टीमें एक दूसरे के मैदान पर एक एक मैच खेलती हैं. उसके बाद दोनों मैचों के कुल स्कोर के जोड़ के आधार पर विजेता चुना जाता है. पिछले मैच में बायर्न म्यूनिख ने मिलान के घरेलू मैदान पर उसे 1-0 से हराया था. लेकिन मंगलवार को म्यूनिख के मैदान पर स्कोर 3-2 से मिलान के पक्ष में रहा. इस तरह दोनों टीमों को कुल स्कोर तो 3-3 हो गया. ऐसी स्थिति में यह देखा जाता है कि किस टीम ने दूसरे के मैदान पर ज्यादा गोल किए हैं. इन्हें अवे गोल कहते हैं. इस बात पर मिलान बाजी मार ले गया क्योंकि उसने तीनों गोल म्यूनिख के मैदान पर किए थे जबकि म्यूनिख का अवे गोल एक ही था.
फुटबॉल का यह सीजन म्यूनिख के लिए बहुत बुरा साबित हुआ है. पिछली बार बुंडेसलीगा का चैंपियन म्यूनिख इस बार उस चैंपियनशिप का ख्वाब गंवा चुका है. जर्मन कप के सेमीफाइनल में भी उसकी हार हो चुकी है. और मंगलवार को यूरोप की सबसे बड़ी फुटबॉल लीग चैंपियंस लीग से भी उसकी छुट्टी हो गई.
आमतौर पर यूरोप में फुटबॉल का सीजन मई में खत्म होता है, लेकिन म्यूनिख के लिए यह मार्च में ही खत्म हो गया है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ए कुमार