बिक गया लंदन का मशहूर हैरोड्स
९ मई २०१०मोहम्मद अल फायद की कारोबारी सलाहकार कंपनी लाजार्ड ने बताया कि सौदा हो चुका है. लाजार्ड ने एक बयान जारी कर कहा, "हैरोड्स के मालिक अल फायद ट्रस्ट ने आज इस बात की घोषणा कर दी है कि हैरोड्स को खाड़ी देश के शाही परिवार को बेच दिया गया है."
सौदे के बारे में पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है लेकिन ब्रिटेन की मीडिया का दावा है कि यह सौदा डेढ़ अरब पाउंड यानी लगभग 100 अरब रुपये में हुआ है. हैरोड्स मध्य लंदन की एक बेहतरीन इमारत में बनी दुकान है, जो अपने विशिष्ट सामानों के लिए दुनिया भर में मशहूर है.
बयान में कहा गया कि 25 साल तक हैरोड्स के चेयरमैन रहने के बाद मोहम्मद अल फायद ने अपना समय परिवार, बच्चों और नाती पोतों के साथ बिताने का फैसला किया है. इसलिए उन्होंने दुकान बेच दी है. फायद परिवार इंग्लिश प्रीमियर लीग में शामिल फुटबॉल क्लब फुलहम का भी मालिक है. समझा जाता है कि कतर का शाही परिवार दुकान की विशिष्टता को बनाए रखेगा.
मोहम्मद अल फायद के बेटे डोडी अल फायद की 1997 में राजकुमारी डायना के साथ पेरिस में कार दुर्घटना में मौत हो गई थी. डोडी और डायना पेरिस में एक साथ एक होटल में रह रहे थे. मोहम्मद अल फायद का दावा है कि यह दुर्घटना नहीं, बल्कि हत्या थी. उन्होंने इसके लिए 10 साल तक कानूनी जंग लड़ी लेकिन उन्हें कामयाबी नहीं मिल पाई. डायना और डोडी की याद में एक छोटा सा मकबरा हैरोड्स के अंदर स्थापित है.
अल फायद और उनके भाइयों ने 1983 में हैरोड्स के 30 प्रतिशत शेयर खरीदे. उस वक्त यह दुकान फ्रेजर की मिल्कियत थी. अगले ही साल अल फायद परिवार ने हैरोड्स के बाकी के शेयर भी खरीद लिए. हालांकि इस सौदे पर काफी विवाद भी हुआ था.
इसके बाद से हैरोड्स दुनिया की सबसे आलीशान दुकानों में गिना जाता रहा और बड़ी हस्तियां इस दुकान से खरीदारी करती रहीं. यह लंदन के नाइट्सब्रिज इलाके में स्थित है. लाजार्ड का कहना है कि 25 साल तक काम करने के बाद अल फायद अब रिटायर होना चाहते हैं. बयान में कहा गया, "अल फायद ने हैरोड्स को अंतरराष्ट्रीय ब्रांड बनाया है."
हैरोड्स दुकान की स्थापना 1840 में हुई थी और कतर का शाही परिवार इसका पांचवां मालिक है. अल फायद का कहना है कि उन्होंने यह सौदा इसलिए किया क्योंकि उन्हें यकीन है कि शाही परिवार इसकी साख को बनाए रखेगा.
रिपोर्टः एएफपी/ए जमाल
संपादनः एम गोपालकृष्णन