बेंच पर बैठने को मजबूर पूर्व जर्मन कप्तान
१३ अगस्त २०११लेवरकुजेन के कोच रॉबिन दत्त ने कहा है कि उनकी टीम में सिमोन रोल्फेस या बालाक में से किसी एक को ही जगह मिल पाएगी. दत्त ने कहा, "सिमोन रोल्फेस और मिषाएल बालाक दोनों तो एक साथ नहीं खेल सकते. हमने मिडफील्ड में तीन लोगों को रखने की योजना बनाई है इसलिए उनमें से कोई एक खेलेगा."
लेवरकुजेन को रविवार को वेर्डर ब्रेमेन के खिलाफ खेलना है. दत्त का तर्क है कि बालाक और रोल्फेस दोनों रणनीति बनाने वाले एक ही तरह के खिलाड़ी हैं इसलिए उनके एक साथ खेलने की संभावना जीरो है.
अपने देश के लिए 98 बार खेल चुके बालाक या फिर 23 बार खेल चुके रोल्फेस दोनों को अगर कोच की यह बात नहीं पचती तो दत्त को कोई परवाह नहीं है. वह कहते हैं, "जो कोई भी चैंपियंस लीग में क्लब के लिए खेल रहा हो, उसके लिए बेंच पर बैठना सम्मान की बात है."
रोल्फेस ने माइंत्स के खिलाफ मैच में रेनाटो ऑगस्टो और लार्स बेंडर के साथ लेवरकुजेन में अपनी शुरुआत की थी. फिलहाल लेवरकुजेन सदमे में है और किसी तरह का खतरा उठाने की स्थिति में नहीं है. उसे दूसरे दर्जे की टीम डायनमो ड्रेसडेन ने जर्मन कप में दो हफ्ते पहले 4-3 से हराया. पिछले हफ्ते माइंत्स ने भी उसे 2-0 से पीटा. ब्रेमेन ने अपने सीजन की शुरुआत काएजर्सलाउटर्न को 2-0 से हराकर की.
बालाक का इस तरह ऊंचाई से गिरना लोगों के लिए कम हैरत की बात नहीं है. उन्होंने पिछले साल मार्च में अर्जेंटीना को 1-0 से हराने वाली जर्मन टीम की कप्तानी की. लेकिन उसके बाद वह चोटिल हो गए और वर्ल्ड कप में नहीं खेल पाए. लेकिन टीम वर्ल्ड कप में बढ़िया प्रदर्शन करके तीसरे नंबर पर रही.
बालाक की गैरमौजूदगी में नौजवान मिडफील्डर मेसूत ओएत्सिल और सामी खेदिरा ने दक्षिण अफ्रीका में बढ़िया खेल दिखाया. दोनों ने रियाल मैड्रिड जैसे नामी क्लब में भी जगह बना ली.
बालाक का तो अब चेल्सी का कॉन्ट्रैक्ट भी नहीं बढ़ाया गया और वह जर्मनी की घरेलू फुटबॉल लीग बुंडेसलीगा में लौट आए हैं. सालभर से वह लेवेरकुजेन में हैं लेकिन चोट उनके करियर पर हावी है. जर्मनी के कोच योआखिम लोएव ने साफ कर दिया है कि राष्ट्रीय फुटबॉल टीम में बालाक का कोई भविष्य नहीं है. उनकी मौजूदा टीम लेवरकुजेन के कोच रॉबिन दत्त भी उन्हें बेंच पर बिठाने को उतारू हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एन रंजन