बेथोफेन: उलझी निगाहों का करिश्मा
१२ सितम्बर २०११लुडविष फान बेथोफेन के समकालीन रहे ब्रिटिश जॉन रसेल बेथोफेन को "उलझी और बिखरी हुए निगाह" वाला बताते हैं. जिनकी आंखें ऊर्जा से भरी हुई हैं और बाल देख कर लगता है कि कई साल न तो उनको कंघी लगाई गई है और न ही कैंची. रसेल कुल मिला कर निष्कर्ष निकालते हैं, गंभीर रूप से बीमार संगीतकार, जिनको "न तो समाज से कोई मतलब था न समाज को उनसे."
लेकिन लुडविष फान बेथोफेन थे कौन. निजी जीवन में वे किस तरह के आदमी थे.
बॉन के बेथोफेन हाउस में उनके बचपन की शुरुआत होती है. जिस कमरे में वह पैदा हुए थे वहां बेथोफेन की सफेद मूर्ति खड़ी है.
बेथोफेन हाउस के निदेशक मिषाएल लाडेनबुर्गर ने डॉयचे वेले के साथ बातचीत में बताया कि संगीतकार की जो छवि लोगों में लोकप्रिय है उससे उनकी असल छवि बहुत अलग थी. बेथोफेन डेढ़ मीटर ऊंचे थे, कुरूप दिखने वाले, अक्सर बाल बिना बनाए रहते लेकिन उनका करिश्मा बहुत जबरदस्त था और वे महिलाओं को बहुत पसंद आते थे.
विएना का आकर्षण
बेथोफेन को महान संगीतकार, भाग्य के मारे व्यक्ति के तौर पर याद किया जाता है लेकिन उनके समकालीन, पत्र, नोटबुक्स जिनमें वो अक्सर नोट्स लिखते थे, दोस्तों को भेजे हुए पत्र बेथोफेन को एक मजेदार व्यक्ति साबित करते हैं. एक ऐसा व्यक्ति जो खाने पीने का शौकीन था. वे फूहड़ और विद्रोही प्रवृत्ति के थे लेकिन साथ ही बहुत संवेदनशील कलाकार और गर्मजोश दोस्त थे.
वे चिड़चिड़े और गुस्सैल प्रकृति के थे और लोगों से दूर रहने वाले. लेकिन विएना पहुंचते ही उन्हें धन देने वाले बहुत लोग मिले और प्रभावशाली संभ्रात वर्ग में उन्हें जाने का मौका मिला. इस वर्ग में शामिल होने के लिए और गैलरी में कार्यक्रम देने के लिए उन्होंने शालीन कपड़े पहनना शुरू किया और एक घोड़ा खरीदा.
प्रेम में पागल
जहां तक महिलाओं से बेथोफेन के संबंधों की बात है, कई सवाल अनुत्तरित हैं. उन्होंने कभी शादी नहीं की. हालांकि अपनी संभ्रांत छात्राओं के दीवाने वे कई बार हुए. उनके लिए काम करने वाले और उनकी जीवनी लिखने वाले आन्टोन शिंडलर का मानना है कि उन्हें कई बार मुहब्बत हो गई थी. लेकिन साधारण आदमी के साथ संबंध बनाना सामंती युवा लड़कियों को पसंद नहीं था.
बेथोफेन ने लिखा है, अपने बिस्तर में लेटे मेरे विचार तुम तक जाते हैं मेरी मुहब्बत, कई बार खुशी भरपूर लेकिन दुख के क्षण भी, या तो मैं पूरी तरह तुम्हारे साथ रह सकता हूं या बिलकुल नहीं. हां मैने तय किया है कि मैं घूमता रहूंगा तब तक जब तक कि उड़ कर तुम्हारी बाहों में न आ जाऊं.
आज भी साफ नहीं है कि बेथोफेन ने ये पंक्तियां कब लिखी. उनके दस्तावेजों में मिली ये पंक्तियां किसके लिए लिखी गई, यह भी जानकारी नहीं है.
संगीतकार बेथोफेन इतना घूमते थे कि उनका कहीं कोई स्थाई जीवन नहीं था. गर्मियों में बेथोफेन विएना छोड़कर गांवों में चले जाते. बेथोफेन के बारे में जानकारी रखने वाली बेआटे अंगेलिका क्राउस कहती हैं, पतझड़ के मौसम में वे नए अपार्टमेंट में चले जाते. उनके पास शहर और गांव दोनों जगह घर रखने का साधन नहीं था.
रिश्ते
दोस्तों, रिश्तेदारों और जाननेवालों से बातचीत में बेथोफेन बहुत जहीन नहीं थे. अक्सर वे साफ और कई बार चुभने वाले शब्दों में अपनी बात बोल देते थे. जॉन रसल उनके रोजाने के बार की एक कहानी बताते हैं जहां वे करीब करीब रोज ही बीयर और वाइन पीने जाते थे. वहां एक शाम एक आदमी आया जिसका चेहरा बेथोफेन को अच्छा नहीं लगता था. उन्होंने जमीन पर थूका और चिल्ला कर कहा क्या भद्दा चेहरा है.
1796 में बेथोफेन की सुनने की शक्ति कम होने लगी थी और इसलिए वे लगातार अकेला महसूस करने लगे. लोगों से मिलना जुलना उन्होंने कम कर दिया और घर में खुद को बंद रखने लगे.
1802 में लिखे एक पत्र को पढ़ने से समझ में आता है कि उनकी सुनने की शक्ति कमजोर होने के कारण वे बहुत विषाद में चले गए. क्योंकि वह लोगों को कह नहीं सकते थे कि वे बहरे हो गए हैं. बाद में उनकी सुनने की शक्ति बिलकुल खत्म हो गई.
कमजोरी बनी ताकत
लेकिन उनके जीवन में हुए इन बदलावों के कारण वे और लोकप्रिय हुए. उनकी सुन न सकने की शक्ति ने उनके काम को बहुत शानदार बना दिया. उनकी रचनाएं सिर्फ नकारात्मक ही नहीं थीं बल्कि इनके जरिए वे अपनी कमजोरी से लड़े.
रिपोर्ट: डॉयचे वेले/आभा एम
संपादन: महेश झा