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बैंगलोर में ऑस्ट्रेलिया का सूपड़ा साफ

१३ अक्टूबर २०१०

बैंगलोर टेस्ट में भी भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हरा दिया है. आखिरी दिन शानदार बल्लेबाजी करते हुए भारतीय बल्लेबाजों ने ऑस्ट्रेलिया को सात विकेट से हरा दिया. पुजारा और तेंदुलकर ने कंगारुओं को वापसी का कोई मौका नहीं दिया.

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मिस्टर क्रिकेट मैन ऑफ द सीरिजतस्वीर: UNI

आखिरी दिन ऑस्ट्रेलिया को 223 रन पर ढेर करने के बाद टीम इंडिया के सामने जीत के लिए 207 रन का लक्ष्य था. भारत की निगाहें जीत पर टिकी हुई थीं. क्रीज पर मुरली विजय और वीरेंद्र सहवाग उतरे. लेकिन शुरुआती झटका जल्द लगा. वीरू सात रन बनाकर हिलफनहाउज का शिकार बने.

पहला विकेट गिरते ही कप्तान धोनी ने बल्लेबाजी क्रम में बड़ा बदलाव किया. युवा बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा को क्रीज पर उतरने का मौका दिया गया. पुजारा ने आते ही बल्ले से दीवाली जैसी आतिशबाजी दिखा दी. पहली पारी के शतकवीर मुरली विजय ने भी उनका बखूबी साथ निभाया. दोनों ने दूसरे विकेट के लिए 72 रन जोड़े. 16वें ओवर तक दोनों ने 89 रन जोड़ दिए. तभी दूसरा झटका लगा, विजय 37 रन बनाने के बाद आउट हो गए.

दो विकेट गिरने के बाद भारत को जीत के लिए 118 रन बनाने थे. क्रीज पर मास्टर ब्लास्टर के कदम पड़े. पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया की नाक में दम करने वाले सचिन ने दूसरी पारी में भी मेहमानों को कोई मौका नहीं दिया. तेंदुलकर ने अपनी छटा दिखाते हुए खूबसूरत शॉट्स जड़ने शुरू कर दिए. पुजारा के पंच भी जारी रहे.

अपना पहला टेस्ट खेल रहे पुजारा जैसे ही 50 के पार पहुंचे, सचिन ने अपने बल्ले को रोक सा लिया. मास्टर ब्लास्टर ने पुजारा को शतक जड़ने का पूरा मौका देना शुरू कर दिया. पुजारा ने भी 21 ओवर में दो चौके जड़कर स्कोरबोर्ड को झनझनाना शुरू कर दिया. इस दौरान ऑस्ट्रेलिया के कप्तान रिकी पोंटिंग सिर्फ नाखून चबाते रहे. स्कोर 146 रन हो गया था. यहां से भारत की मंजिल सिर्फ 61 रन दूर थी. लेकिन तभी 72 रन बना चुके पुजारा का विकेट गिरा.

इसके बाद द्रविड़ क्रीज पर आए. उन्होंने एक छोर पर लकीर खींच दी. दूसरी ओर से तेंदुलकर ने आंक्रमण की कमान संभाली. पांच चौके और दो छक्कों में मदद से तेंदुलकर ने टेस्ट करियर का 58वां अर्धशतक जड़ा और ऑस्ट्रेलिया को लगातार दूसरी टेस्ट हार दिखा दी.

सचिन ने नाबाद 53 और द्रविड़ ने नाबाद 21 रन बनाए. पहली पारी में 214 रन मारने वाले तेंदुलकर को मैन ऑफ द मैच चुना गया. मैन ऑफ द सीरीज भी सचिन ही रहे. वहीं हार के साथ रिकी पोंटिंग का दुर्भाग्य जारी रहा. पोंटिंग की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया भारतीय जमीन पर एक भी मैच नहीं जीत सका है. मोहाली में हुए पहले टेस्ट में टीम जीता जिताया मैच एक विकेट से हार गई, बैंगलोर में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को कोई मौका ही नहीं दिया.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: ए कुमार