बॉबी जिंदल ने ओबामा को लिया आड़े हाथ
२९ जनवरी २०१०अमेरिकी टीवी चैनल फ़ॉक्स न्यूज़ से बातचीत में जिंदल ने कहा, "ओबामा कहते हैं कि वह अमेरिका को ब्राज़ील, चीन और भारत जैसे देशों से पीछे नहीं देखना चाहते हैं. लेकिन उनकी स्वास्थ्य योजना, अधिक सरकारी कर्ज़े और बढ़ते टैक्सों की वजह से अच्छी तनख़्वाहों वाली नौकरियां अमेरिका से भारत और चीन जैसे देशों को चली जाएंगी."
जिंदल का मानना है कि अमेरिकी कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए और नौकरियों को देश में ही रखने के लिए सरकार को इन कंपनियों के लिए टैक्सों में कटौती करनी चाहिए. भारतीय मूल के जिंदल अमेरिका में विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी के उभरते हुए सितारे हैं. उनका कहना है कि अमेरिकी कांग्रेस में दिया गया राष्ट्रपति ओबामा का पहला भाषण विरोधाभासों से भरा था. उनके मुताबिक़, "उनको लगता है कि केवल उनके बार बार बोलने से अमेरिकी जनता टैक्सों में बढ़ोतरी को स्वीकार कर लेगी. ओबामा ने कहा है कि सरकार नई नौकरियां पैदा नहीं कर सकती लेकिन दूसरी तरफ़ वह चाहते हैं कि सरकार नई नौकरियां पैदा करने में करोड़ों डॉलर निवेश करे."
जिंदल ने लोगों से अपील की कि वे इन योजनाओं का समर्थन न करें क्योंकि इससे सरकार को फ़ायदा होगा और आने वाली पीढ़ियों को भी ज़्यादा टैक्स भरने पड़ेंगे. जिंदल के मुताबिक़, "सरकारी कर्ज़ इस वक़्त प्रति नागरिक 40,000 डॉलर के क़रीब है और सीनेट सरकारी कर्ज़ की सीमा को एक ख़रब तक बढ़ाना चाहती है. इसके बाद हर व्यक्ति पर औसतन 45 हज़ार डॉलर का कर्ज़ होगा. और बात यहां नहीं रुकती है."
कहने को तो बॉबी जिंदल अमेरिका के पहले भारतीय मूल के गवर्नर हैं लेकिन वे रूढ़ीवादी रिपब्लिकन पार्टी के प्रतिनिधि हैं. डेमोक्रेटिक पार्टी के ओबामा की कई योजनाओं को रिपब्लिकन पार्टी का समर्थन नहीं मिल पाया है.
रिपोर्टः पीटीआई/ एम गोपालकृष्णन
संपादनः ए कुमार