ब्राजील में समलैंगिकों को सभी अधिकार
६ मई २०११सुप्रीम कोर्ट में समलैंगिक शादीशुदा जोड़ों को सामान्य नागरिक अधिकार देने का फैसला 10-0 से हुआ. कोर्ट के एक सदस्य मतदान से बाहर रहे. फैसले के बाद ब्राजील में समलैंगिक शादीशुदा जोड़े तुरंत प्रभाव से सामान्य पति-पत्नी की तरह हर किस्म के नागरिक अधिकार पा सकेंगे. फैसला सुनाते हुए जस्टिस कार्लोस आयर्स ब्रिटो ने कहा, ''अपनी यौन जिंदगी को तय करने के लिए हर नागरिक स्वतंत्र है.''
ब्राजील दुनिया का सबसे ज्यादा रोमन कैथोलिक आबादी वाला देश है. एक अनुमान के मुताबिक देश में 60,000 समलैंगिक जोड़े हैं. अर्जेंटीना और ऊरुग्वे के बाद ब्राजील ही लातिन अमेरिका का तीसरा ऐसा देश बना है जहां समलैंगिकों को समान अधिकार मिले हैं. फैसले के बाद तुरंत प्रभाव से ब्राजील में समलैंगिक अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे. उन्हें आम दंपत्तियों की तरह अपने साथी की पेंशन और संपत्ति से जुड़े अधिकार मिल गए हैं.
समलैंगिकता के पक्षधर कार्यकर्ताओं ने शीर्ष अदालत के फैसले को ब्राजील का ऐतिहासिक दिन बताया है. रियो द जेनरो राज्य की गे, लेस्बियन एंड ट्रांससेक्सुअल कमेटी की प्रमुख क्लाउडिया नासिमेंटो ने कहा, ''किसी भी देश की नागरिक सभ्यता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वहां होमोसेक्सुअल समुदाय से कैसा व्यवहार किया जाता है.''
वहीं ब्राजील का रोमन कैथोलिक चर्च सुप्रीम कोर्ट के फैसले से भड़का हुआ है. चर्च का कहना है कि देश के संविधान में दंपत्ति का मतलब सिर्फ महिला और पुरुष की जोड़ी है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद चर्च का विरोध बेतमलब साबित हो गया है. देश की नई राष्ट्रपति दिल्मा राउसेफ पहले ही समलैंगिक जोड़ों को ज्यादा अधिकार दिए जाने के पक्ष में थीं. बीते साल हुए चुनावों में उन्होंने इस बड़ा सामाजिक मुद्दा भी बनाया.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: ए कुमार