ब्रिटेन भी भेजे गए डाईऑक्सीन वाले अंडे
७ जनवरी २०११ब्रिटेन में खाद्य सुरक्षा एजेंसी ने कहा है कि डाईऑक्सीन वाले अंडे जो जर्मनी से ब्रिटेन में आयात किए हैं उनसे स्वास्थ्य को खतरा होने की आशंका नहीं है. यह जानकारी खाद्य मानक एजेंसी (एफएसए) ने दी है. एजेंसी ने बताया कि ज्यादा मात्रा वाले डाईऑक्सीन से प्रदूषित अंडे और सामान्य अंडे मिल गए हैं. इनका पाश्चराइजेशन कर तरल अंडे बनाए जाने थे.
समाचार एजेंसी एएफपी ने खाद्य मानक एजेंसी के हवाले से लिखा है, "प्रदूषित और सामान्य अंडे मिल जाने के कारण इनमें डाईऑक्सीन का स्तर घट जाएगा और इसलिए वह स्वास्थ्य के लिए खतरा भी नहीं होंगे. एफएसए फिलहाल जुड़े उद्योगों के संपर्क में है. जैसे ही और जानकारी उपलब्ध होती है बताया जाएगा."
डाईऑक्सीन एक उत्पाद है जो कचरा जलाने के बाद या फिर औद्योगिक प्रक्रिया के दौरान बनता है. इसकी थोड़ी भी मात्रा गर्भपात, कैंसर और दूसरी बीमारियों का कारण बन सकती है.
गुरुवार शाम यूरोपीय आयोग ने जानकारी दी कि डाईऑक्सीन की मात्रा वाले अंडे ब्रिटेन को भी निर्यात किए गए हैं. कुल एक लाख छत्तीस हजार अंडों में डाईऑक्सीन अत्यधिक मात्रा में होने का संदेह है. 3 दिसंबर को नीदरलैंड्स की एक फर्म से जानवरों को दी जाने वाली नौ टन चर्बी सेक्सनी अनहाल्ट में आयात की गई.
यहां से इसे जानवरों का चुग्गा बनाने में इस्तेमाल किया गया. यूरोपीय आयोग के स्वास्थ्य मामलों के प्रवक्ता फ्रेडरिक विंसेंट ने बताया कि पहली बार छह टन अंडे डच अंडों के साथ मिलाए गए और यह बैच 12 दिसंबर ब्रिटेन को निर्यात किया गया. हालांकि आयोग यह नहीं बता पाया कि क्या जहरीले अंडों का इस्तेमाल मायोनेस, केक पाउडर और शैंपू बनाने के लिए किया गया है या नहीं.
पहले माना जा रहा था कि डाईऑक्सीन वाला जानवरों का खाना सिर्फ जर्मनी के दो ही राज्यों में गया है लेकिन अब पता चल रहा है कि सोलह में से आठ राज्यों में यह प्रदूषित खाना पहुंचा है. जर्मन अधिकारियों ने इस सप्ताह जानकारी दी थी कि करीब तीन हजार टन जहरीले डाईऑक्सीन वाला जानवरों का खाना जर्मनी के फार्म्स में भेजा गया. यही अंडे फिर नीदरलैंड्स में भेजे गए.
फिलहाल जहरीले अंडो और मुर्गियों के कारण मनुष्य के स्वास्थ को खतरे की बात की जा रही है लेकिन इस कारण कई मुर्गी पालकों को अपनी रोजी रोटी भी गंवानी पड़ सकती है. अगर किसी के फार्म हाउस में सभी मुर्गियां और अंडे डाईऑक्सीन वाले मिलते हैं तो उन्हें सभी मुर्गियों को मार कर नए सिरे से काम शुरू करना होगा. कुल मिला कर किसानों को सजा उस गलती की जो उन्होंने की ही नहीं है.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः एस गौड़