'ब्रियातोरे पर प्रतिबंध ग़ैरक़ानूनी'
५ जनवरी २०१०21 सितंबर 2009 को ब्रियातोरे पर वर्ल्ड मोटर स्पोर्ट काउन्सिल एफ़आईए ने प्रतिबंध लगा दिया था उन पर आरोप था कि वह सिंगापुर में फ़ार्मुला वन रेस फ़िक्सिंग में शामिल थे. आरोप था कि नील्सन की कार का क्रेश करवा कर उन्होंने फ़र्नान्डो आलान्सो को जीतने में मदद की.
क़मज़ोर दलीलें
लेकिन फ्रांस की अदालत ने फ़ैसला सुनाया कि जिन सबूतों पर एफ़आईए ने प्रतिबंध लगाया था वह बहुत क़मज़ोर थे और कि बचाव पक्ष के वकील उस व्यक्ति की गवाही कोर्ट में पेश नहीं कर पाए थे जिसने नाम नहीं बताने की शर्त पर गवाही दी थी.
अदालत ने फ़ैसला सुनाते हुए कहा कि कोर्ट ने यह निर्णय लिया है कि "यह सज़ा ग़ैर क़ानूनी थी." मामले की सुनवाई कर रहे जज ने ब्रियातोरे को मुआवज़े के तौर पर 15 हज़ार यूरो की राशि देने की भी बात कही. ब्रियातोरे ने मांग की थी कि एफ़आईए उसे मुआवज़े के तौर पर दस लाख यूरो की राशि दे.
59 साल के ब्रियातोरे का दावा है कि "एफ़आईए के अध्यक्ष व्यक्तिगत तौर पर बदला लेने की भावना से अंधे हो गए थे और एफ़आईए ने निष्पक्ष सुनवाई के लिए मूलभूत नियमों को भी तोड़ा है."
अब मिला न्याय
फ़ैसला आने के बाद ब्रियातोरे ने ख़ुशी ज़ाहिर की है. साथ ही रेनो के इंजीनियरिंग निदेशक पेट साइमंड्स का भी निलंबन फ्रांस की अदालत ने खारिज किया है. क्रेश गेट नाम के रेस फ़िक्सिंग स्कैंडल के नाम से मशहूर इस दुर्घटना के बाद रेनो को भी दो साल के लिए फ़ार्मुला वन से निलंबित कर दिया गया था.
फ्रांसिसी अदालत के फ़ैसले के बाद ब्रियातोरे ने कहा कि "इस निर्णय के बाद मुझे मेरा सम्मान और आज़ादी फिर से मिली है जो कुछ लोगों ने मुझसे छीन ली थी. मेरा मानना है कि आज न्याय मिला है."
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा मोंढे