भट्टी की हत्या को ईशनिंदा से न जोड़ें: पाकिस्तान
४ मार्च २०११अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री भट्टी पाकिस्तान के विवादास्पद ईशनिंदा कानून में बदलाव के पक्षधर थे. पाकिस्तानी तालिबान ने उनकी हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि भट्टी को ईशनिंदा की सजा मिली है. लेकिन संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के सदस्य असीम अहमद ने अपने भाषण में कहा, "हम मानते हैं कि इस अफसोसनाक घटना को धर्म के अपमान और ईशनिंदा से जोड़ने से कोई मदद नहीं मिलेगी."
मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान 57 सदस्यों वाले इस्लामी देशों के संगठन (ओआईसी) की तरफ से बोल रहा था. यह संगठन एक ऐसी मुहिम चला रहा है जिसे आलोचक अंतरराष्ट्रीय ईशनिंदा कानून का नाम देते हैं. इस मुहिम को अफ्रीकी देशों के अलावा रूस और क्यूबा देशों का समर्थन प्राप्त है. अहमद ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अपमान और ईशनिंदा को उचित नहीं ठहरा सकती है. उनके मुताबिक, "यह जरूरी है कि इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद की छवि को खराब करने की सोची समझी मुहिमों को रोका जाए."
जनवरी में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गवर्नर सलमान तासीर की भी राजधानी इस्लामाबाद में हत्या कर दी गई. वह भी ईशनिंदा कानून के विरोधी थे. सलमान तासीर की हत्या उन्हीं के एक अंगरक्षक ने की, जिसे देश में मौजूद कट्टरपंथी तत्व एक नायक के तौर पर पेश करते हैं. इतना ही नहीं, कुछ जजों, वकीलों और मीडिया समीक्षकों ने भी तासीर की हत्या का स्वागत किया. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की प्रमुख नवी पिल्लई का कहना है कि इससे पता चलता है कि पाकिस्तानी समाज में चरमपंथ का जहर घुल रहा है. पिल्लई ने भी ईशनिंदा कानून में बदलाव की बात कही. उन्होंने पाकिस्तान सरकार से चरमपंथ के खिलाफ और प्रभावी कदम उठाने की भी अपील की.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः ओ सिंह