भारत को दुश्मन समझना छोड़े पाकिस्तानः शरीफ
१७ मई २०११जब 1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच करगिल संघर्ष शुरू हुआ तो शरीफ ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे. वह भारत के साथ बातचीत कर रहे थे लेकिन तभी पाकिस्तानी सैनिकों ने करगिल में घुसपैठ कर भारतीय चौकियों पर कब्जा कर लिया. कई दिनों के संघर्ष के बाद उन्हें हटना पड़ा.
पीएमएल-एन के मुखिया शरीफ इन दिनों सिंध प्रांत के तीन दिन के दौरे पर हैं. उन्होंने कराची में पत्रकारों के साथ बातचीत में भारत को दुश्मन मानने की बात छोड़ने को कहा. उन्होंने मांग की कि सेना और आईएसआई के बजट को भी संसद के सामने रखा जाना चाहिए ताकि उसकी जांच पड़ताल हो सके. पाकिस्तान की सेना अकसर भारत का डर दिखा कर पाकिस्तान के सत्ता तंत्र पर मजबूत पकड़ रखती आई है.
1999 में जनरल परवेज मुशर्रफ ने शरीफ का तख्ता पलट कर सत्ता संभाली. शरीफ का कहना है कि उनके लिए सबसे बड़ी अफसोस की बात यही है कि उन्होंने प्रधानमंत्री रहते सेना को काबू में नहीं किया. शरीफ ने कहा कि 2 मई को अमेरिकी सैन्य अभियान में ओसामा बिन लादेन की मौत की जांच के लिए आयोग बनाने की मांग करने वाला संसदीय प्रस्ताव संसद को संप्रभु संस्था बनाने की दिशा में पहला कदम है. उन्होंने सरकार से मांग की कि 2006 में सैन्य अभियान में बलोच नेता नवाब अकबर बुगती की मौत की जांच की जाए.
शरीफ ने सत्ताधारी पीपीपी और पीएमएल-क्यू के बीच हुए हालिया गठबंधन की भी आलोचना की. दोनों ही पार्टी पंजाब प्रांत और संघीय स्तर पर पीएमएल-एन की प्रतिद्वंद्वी हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः एमजी