भारत पाक में नहीं मिटी खटास
११ सितम्बर २०१२अमेरिकी संस्था पीयू रिसर्च सेंटर के एक भारी भरकम सर्वे के बाद ये आंकड़े सामने आए हैं. सर्वे में साफ हुआ है कि भारत के 59 प्रतिशत लोग पाकिस्तान को भरोसे लायक नहीं मानते. हालांकि पाकिस्तान में ऐसे लोगों की तादाद भारत के मुकाबले ज्यादा है, जो भारत को दुश्मन समझते हैं. सर्वे के मुताबिक 72 प्रतिशत पाकिस्तानी भारत को दोस्त नहीं मानते.
भारत के 60 प्रतिशत लोग पाकिस्तान को भारत के लिए खतरा मानते हैं. ऐसे लोगों का मनना है कि लश्कर ए तैयबा से भी ज्यादा खतरनाक पाकिस्तान (प्रशासन) है. केवल 13 प्रतिशत भारतीय ऐसे हैं जो पाकिस्तान को दोस्त मानते हैं. पीयू ने नौ देशों में सर्वे कराया और भारत में पाकिस्तान को अस्वीकार करने का भाव सबसे ज्यादा पाया.
हालांकि भारत और पाकिस्तान दोनों आपसी संबंध ठीक करना चाहते हैं. लेकिन दोनों रिश्तों को शक की निगाह से देखते हैं. पाकिस्तान में ऐसे लोगों की तादाद 57 फीसदी है जो भारत को गंभीर खतरा मानते हैं.
कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद का बड़ा बिंदु रहा है लेकिन इसके प्रति दोनों देशों की जनता की राय अलग है.
भारत के लोग कश्मीर समस्या को हल करने के लिए ज्यादा उत्साहित नहीं दिखते. 59 प्रतिशत भारतीय मानते हैं कि कश्मीर समस्या को हल करके ही पाकिस्तान से संबंध ठीक हो सकता है जबकि पाकिस्तान में यह प्रतिशत 79 है. पड़ोसी देश के लोग मानते हैं कि कश्मीर समस्या का हल किए बिना भारत के साथ संबंध ठीक नहीं हो सकता.
सरहद के आर पार ऐसे लोगों की कमी नहीं है, जो सुधार चाहते हैं. भारत के 10 में से 7 लोग ऐसे हैं जो चाहते हैं कि पाकिस्तान से संबंध ठीक हों. उधर, पाकिस्तान में हर 10 में से 6 लोग चाहते हैं कि भारत के साथ संबंध ठीक किए जाएं.
सर्वे में एक और बात दिलचस्प तरीके के सामने आई है. भारत और पाकिस्तान के दो तिहाई लोग मानते हैं कि दोनों देशों के बीच रिश्ते सुधारने के लिए व्यापार सबसे बेहतर तरीका हो सकता है. हाल ही में इस दिशा में कुछ प्रयास भी किए गए हैं.
भारत ने पाकिस्तानी बैंकों को भारत में शाखाएं खोलने की इजाजत दे दी है. इतना ही नहीं, भारत ने पाकिस्तानी पूंजीपतियों को भी भारत में निवेश की अनुमति दी है. इस समय भारत और पाकिस्तान के बीच सालाना 400 अरब डॉलर का व्यापार होता है. भारत के विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने हाल ही में पाकिस्तान का दौरा किया था जहां दोनों देशों के बीच वीजा नियमों में छूट दिए जाने पर सहमति बनी.
वीडी/एजेए (पीटीआई)