भारत में क्रिकेट का बुखार
२९ मार्च २०११इन दिनों भारत में क्रिकेट का बुखार पूरे शबाब पर है. डॉयचे वेले की वेब साईट में 'भारत पाक के चक्कर में धूमिल हुए दूसरे मैच' शीर्षक आर्टिकल पढ़कर मुझे बेहद अफ़सोस हुआ. वास्तव में भारत के क्रिकेट प्रेमी अन्य देशों के बीच होने वाले मैच को भूल गए हैं और उनका सारा ध्यान मोहाली में होने वाले भारत पाक मैच की ओर लगा हुआ है. यह बहुत ही चिंता की बात है कि आज भारतीय या पाकिस्तानी अपनी टीम की हार बर्दाश्त नहीं कर पाता. पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के मैनेजर इंतखाब आलम साहब बिलकुल सही फरमाते हैं कि 'क्रिकेट को क्रिकेट ही रहने दो, इसे युद्ध कहकर संबोधित नहीं करना चाहिए. बल्कि भारत हो या पाकिस्तान या चाहे कोई भी देश हो, क्रिकेट हो या हॉकी ,चाहे कोई भी मैच हो-खेल के मैदान में हमें विदेशी टीम की भी हौसलाफजाई करना सीखना होगा. हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि खेल दो दिलों को जोड़ता है, न कि दो दिलों के बीच दूरी बढ़ाता है.
चुन्नीलाल कैवर्त, ग्रीन पीस डी एक्स क्लब, जिला बिलासपुर, छत्तीसगढ़
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वर्ल्ड कप को पोंटिंग का अलविदा - पोंटिंग एक अच्छे खिलाडी हैं, लेकिन यह एक दुर्भाग्य की बात है की वह विश्व कप 2011में वे जम नहीं सके.
राज कुमार गौरव, ईमेल से
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"दुआ है कि भारत जीते" - टीम इंडिया इस वर्ल्ड कप को जीतकर देश को सबसे बड़ा तोहफा देगी. महान सचिन तेंदुलकर जो देश के लिए करीब 22 साल से खेल रहे हैं उनका सपना भी पूरा करेगी.
रवि वर्मा, ईमेल से
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भांग के पौधे से बना घर - भांग के पौधे से घर बनाने के बारे में रोचक जानकारी मिली. यह जानना और भी सुखद है कि इससे बेरोजगारी को भी कम किया जा सकेगा.
जरदारी, गिलानी को भारत पाकिस्तान मैच देखने का न्योता - दोनों विषयों पर आपकी रिपोर्टें एकदम ताजातरीन और सटीक रहीं हैं. आपने विषय को हर कोण से और हर पहलू से देखने का सफल प्रयास किया है. रिपोर्टिंग में आपकी विश्वसनीयता का मैं सर्वोच्च मूल्यांकन करता हूं.
प्रमोद महेश्वरी, ईमेल से
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पाकिस्तान में भारत के न्योते का स्वागत - मुझे लगता है कि राजनीति को क्रिकेट मैच में शामिल नहीं करना चाहिए. इससे खिलाड़ियों पर और अधिक दबाव पड़ता हैं और यह खेल की भावना को प्रभावित करता है.
सुनील कुमार, ईमेल से
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मैं करीब एक माह से डॉयचे वेले हिंदी की साईट से समाचार पढ़ रहा हूं. अब लगभग इसका बहुत बड़ा फैन बन चुका हूं. नए नए समाचार, खास अंदाज से वर्ल्ड कप क्रिकेट की करीबी ख़बरें, खेल खिलाडी, खोज, सरोकार, रंग तरंग सभी बहुत भाते हैं. जर्मनी के बारे में जानकारी, क्विज पहेली इत्यादि जैसे समाचारों, खेल जगत, विश्व के ताजे ख़बरों का विशाल खजाना है. मैं भी आपके यहां से निकलने वाली पत्रिका "जर्मन न्यूज़ " का वर्ष 1979 से अब तक नियमित पाठक हूं. मैं आशा करता हूं कि इसी तरह आप इस साईट को रोचक जानकारी से परिपूर्ण बनाये रखेंगे.
दीपक कुमार, नई दिल्ली
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आपके मेल को पाकर अच्छा लगा. मुझे आपके जर्मनी से चलने वाला यह डॉयचे वेले प्रोग्राम बहुत अच्छा लगता है. भगवान करे आप सब इस प्रोग्राम में बहुत बढ़ोतरी करें.
मनीष ढौंडियाल, रामनगर, जिला नैनीताल
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अंग्रेजी नहीं आती तो ब्रिटेन का वीजा भूल जाओ - अगर ब्रिटेन वहां रहने वाले विदेशियों के लिए यह अनिवार्य बना देता है, तो भारत को भी सभी अंग्रेजों के लिए यह अनिवार्य बना देना चाहिए कि उन्हें भी हिंदी आनी चाहिए.
डीडीवाई, ईमेल से
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चांद के लिए सितारे बहुत हैं, पर सितारों के लिए चांद एक है
डीडब्ल्यू के लिए हजारों श्रोता दोस्त हैं, पर हमारे लिए डीडब्ल्यू हजारों में एक है.
डॉ. एस.एस.भट्टाचार्य, चेतक लिस्नर्स क्लब, मेदिनीपुर,पश्चिम बंगाल
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बीबी भारत के साथ, मियां पाकिस्तान के - यह जान कर अच्छा लगा कि सान्या मिर्ज़ा निकाह कर भले ही पाकिस्तान चली गयीं, उनका दिल अब भी हिन्दुस्तानी है. भारत-पाक क्रिकेट मैच पर अगर वह भारत की जय करती हैं, तो इस देश के प्रति उनकी वफादारी असंदिग्ध है और मैं इसकी प्रशंसा करता हूं. वह चाहती तो उन्हें भारत में भी मनपसंद जीवनसाथी मिल सकता था, परंतु उन्होंने पाकिस्तान को चुना. उस समय स्वाभाविक तौर पर कुछ ख़राब भी लगा, परंतु यह उनका निजी मामला था. बेहरहाल, मैं उनके भारतीय होने के ज़ज्बे को सलाम करता हूं.
सुरेश अग्रवाल, केसिंगा, उड़ीसा
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मैं एक रेडियो श्रोता हूं और डॉयचे वेले हिंदी मेरा सबसे पहला और प्रिय शॉर्टवेव कार्यक्रम था और आज कल रेडियो पर मैं आप सबको बहुत मिस कर रहा हूं. एक दिन फिर से बॉन से रेडियो पर आप सब की आवाज सुनने की आशा लिए में अभी भी बैठा हूं...............
पृथ्वीराज पुरकायस्थ, जौरहट, असम
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मैंने आपके डेली कोड में पुरस्कार जीता है जिसके लिए आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद. मेरी उम्र 10 साल है. मेरे पापा श्री पाल गर्ग आपके बहुत पुराने श्रोता हैं. वे जब भी इंटरनेट चलाते हैं तो सबसे पहले आपकी साईट देखते हैं. उसी से मैं भी आपकी साईट देखना सीख गई. मैं चौथी क्लास की छात्रा हूं. मुझे तो बस केवल रकसैक बैग चाहिए पुरस्कार में, अगर भेज सको तो बहुत अच्छा होगा
मिस विनिया, फॅमिली लिस्त्नार्स क्लब, सिटी रामपुरा फूल, पंजाब
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संकलनः विनोद चढ्डा
संपादनः आभा एम