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भारत में तीन ट्रेन हादसेः 10 की मौत

२ जनवरी २०१०

उत्तर प्रदेश में तीन अलग अलग ट्रेन हादसों में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और 40 घायल हो गए. ट्रेन हादसे घने कुहासे की वजह से हुए और कुछ इलाक़ों में कुहासे की वजह से कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा है.

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कानपुर के पास हादसातस्वीर: AP

तीनों रेल दुर्घटना उत्तर प्रदेश में हुई. दो जगहों पर चार ट्रेनों की आपस में टक्कर हो गई, जबकि तीसरी घटना में ट्रेन एक ट्रॉली से टकरा गई.

कानपुर के पास पनकी रेलवे स्टेशन पर गोरखधाम एक्सप्रेस और प्रयागराज एक्सप्रेस में टक्कर हो गई, जिसमें कम से कम दस लोगों की मौत हो गई और कई ज़ख़्मी हो गए. मरने वालों में सात पुरुष और तीन महिलाएं हैं. भारतीय रेल के प्रवक्ता राजेश दत्त वाजपेयी ने बताया, "प्रयागराज एक्सप्रेस स्टेशन के पास खड़ी थी. तभी पीछे से गोरखधाम एक्सप्रेस ने इसमें टक्कर मार दी. हादसा कुहासे के कारण ख़राब विज़िबलिटी की वजह से हुआ." वरिष्ठ रेल अधिकारियों का कहना है कि 30 से ज़्यादा घायल मुसाफ़िरों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है.

दूसरी घटना में मगध एक्सप्रेस और लिच्छवी एक्सप्रेस की इटावा में टक्कर हो गई. इस घटना में ट्रेन के ड्राइवर सहित 13 लोग घायल हैं. अधिकारियों का कहना है कि दोनों ही दुर्घटनास्थलों पर कुहासे की वजह से 30 मीटर से ज़्यादा की दूरी तक नहीं देखा जा सकता है.

इसके बाद शनिवार को ही इलाहाबाद में सरयू एक्सप्रेस स्टेशन के पास खड़ी एक ट्रॉली से टकरा गई. इस टक्कर की वजह से दो लोग घायल हो गए. रेलवे प्रवक्ता वाजपेयी ने बताया कि हालांकि ये दुर्घटनाएं कुहासे की वजह से हुई लगती हैं, फिर भी इनकी जांच के आदेश दे दिए गए हैं. रेलवे सुरक्षा समिति के कमिश्नर इन मामलों की जांच करेंगे.

ट्रेन हादसों के बाद कई जगहों पर हज़ारों हज़ार मुसाफ़िर अटक गए हैं. दुनिया की सबसे बड़ी रेल यातायात बुरी तरह बाधित हो गया है. रेलवे अधिकारियों का कहना है कि कम से कम 54 ट्रेनें देरी से चल रही हैं, जिनमें से ज़्यादातर राजधानी दिल्ली की ओर आ रही हैं.

साल के शुरू में कुहासे की वजह से दिल्ली में अलग अलग सड़क दुर्घटनाओं में भी तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि कुछ घायल हो गए. पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में लगातार बिजली कट रही है क्योंकि स्थानीय पावर ग्रिड में कुछ ख़राबी आ गई है.

उधर, ख़राब विज़िबलिटी की वजह से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय विमानों पर भी बुरी तरह असर पड़ा है. कई फ़्लाइट्स लेट हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल