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भारत में नेपाली पासपोर्ट छपवाने का ऑर्डर रद्द

१२ अप्रैल २०१०

माओवादियों और अन्य पार्टियों के दबाव में आकर नेपाल की सरकार ने भारत में मशीन रीडेबल पासपोर्ट छपवाने के ऑर्डर को वापस ले लिया है. ये नेपाली पासपोर्ट भारत की एक सरकारी प्रेस में छपने थे.

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तस्वीर: DW

कैबिनेट की बैठक के बाद नेपाल के संचार मंत्री और सरकार के प्रवक्ता शंकर पोखारेल ने बताया कि सरकार ने भारतीय प्रेस से पासपोर्ट छपवाने के ऑर्डर को वापस लेने का फैसला किया है.

नेपाल की सरकार ने हाल ही में चार डॉलर प्रति पासपोर्ट के हिसाब से भारत में पासपोर्ट छपवाने का फैसला किया था. नेपाल को जल्द से जल्द अत्याधुनिक पासपोर्ट चाहिए क्योंकि अंतरराष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन ने कहा है कि वह हाथ से लिखे हुए पासपोर्ट जारी करने बंद करे.

सोमवार को माओवादियों ने भारत में पासपोर्ट छपवाने के फैसले के विरोध में हड़ताल की. इसके बाद सरकार को अपने कदम पीछे हटाने पड़े हैं. इस फैसले के बाद माओवादियों ने भी अपनी हड़ताल खत्म कर दी है. उधर नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने अंतरिम आदेश में कहा है कि इस मुद्दे पर पूरी तरह फैसला आने तक पासपोर्ट की छपाई का काम रोक दिया जाए.

संसद की सार्वजनिक लेखा समिति ने भी सरकार से भारतीय प्रेस में पासपोर्ट न छपवाने को कहा था. पिछले दिनों समिति के सामने अपने पेशी के दौरान प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल ने कहा कि भारत के साथ राजनयिक और राजनीतिक संबंधों को देखते हुए यह ऑर्डर दिया गया था.

वैसे नेपाल मशीन रीडेबल पासपोर्ट जारी करने के बारे में अंतरराष्ट्रीय नागरिक विमानन संगठन की 1 अप्रैल की समयसीमा से पहले ही चूक गया है. नेपाल ने अब इस डेडलाइन को आगे बढ़ाने का आग्रह किया है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एस गौड़