भारत से कोई डर नहीं है बांग्लादेश को
१८ फ़रवरी २०११भारत को अपना पहला मैच शनिवार को बांग्लादेश के खिलाफ खेलना है. बांग्लादेश ने ही 2007 के वर्ल्ड कप में हराकर भारत को पहले दौर में ही टूर्नामेंट से बाहर कर दिया था. इस बार भी कप्तान हसन ऐसा ही कुछ करने की तमन्ना रखते हैं. उन्होंने कहा, "हमारे गेंदबाज अच्छी फॉर्म में हैं. बल्लेबाज बहुत बढ़िया खेल रहे हैं और फील्डिंग में काफी सुधार हुआ है."
वैसे हसन सिर्फ भारत के बारे में नहीं सोच रहे हैं. वह कहते हैं कि उन्हें छह टीमों के खिलाफ खेलना है. मैच से एक दिन पहले शेर ए बांग्ला स्टेडियम में उन्होंने कहा, "यह टूर्नामेंट सिर्फ भारत से खेलने के लिए नहीं है. हमें छह लीग मैच खेलने हैं और उन सभी में हमें अच्छा परफॉर्म करना है. बस हम अपने बेसिक ठीक रखें तो हम बहुत अच्छा प्रदर्शन करेंगे."
आंकड़ों पर भारी जोश
आंकड़ों के हिसाब से बांग्लादेश भारत से काफी पीछे है और कहा जा सकता है कि दोनों टीमों में कोई मुकाबला ही नहीं है. दोनों टीमों के बीच 22 मैच हुए हैं जिनमें से 20 भारत ने जीते हैं. लेकिन शाकिब आंकड़ों के दबाव में कतई नहीं हैं. वह कहते हैं, "हमारे खिलाड़ियों ने इतना क्रिकेट खेल लिया है कि वह दबाव को संभाल सकें. हम बहुत ज्यादा आगे की बात तो नहीं सोच रहे हैं. हर बार बस एक ही मैच पर ध्यान देंगे. भारत जैसी मजबूत टीम के खिलाफ खेलने के अपने फायदे हैं. हम सबसे अच्छी टीम के सामने खुद को साबित करना चाहते हैं."
कुछ और भी बातें हैं जो बांग्लादेश के पक्ष में जाती हैं. मसलन वे अपने मैदान पर खेल रहे हैं जहां की विकेट शाकिब और अब्दुर रज्जाक की स्पिन गेंदबाजी को मदद मिलेगी. उन्होंने पिछले 10 में से सात मैच जीते हैं और टीम उत्साह से भरी है. इनमें न्यूजीलैंड पर 4-0 की बड़ी जीत भी शामिल है. फिर भी हसन टॉस को अहम मानते हैं. उनका कहना है कि शाम के वक्त ओस की वजह से बाद में फील्डिंग कर रही टीम के लिए मुश्किल पैदा हो सकती है. वह कहते हैं, "अगर ओस नहीं पड़ती है तो बैटिंग के लिए हालात हमेशा अच्छे रहेंगे. लेकिन हम सिर्फ स्पिन गेंदबाजी पर निर्भर नहीं रह सकते क्योंकि दक्षिण एशियाई टीमें स्पिन गेंदबाजी को खेलना जानती हैं."
बांग्लादेश को भारत के अलावा इंग्लैंड, वेस्ट इंडीज, दक्षिण अफ्रीका, आयरलैंड और नीदरलैंड्स से भिड़ना है.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ए कुमार