भारतीय धन का जर्मनी में स्वागत
२३ सितम्बर २०१०गुरुवार को अर्थव्यवस्था मंत्री ने नई दिल्ली में कहा कि जर्मनी के निर्यात के लिए भारत एक बहुत अच्छा लक्ष्य है. "जर्मनी वैकल्पिक ऊर्जा के क्षेत्र में आगे है और संरचना, शिक्षा के क्षेत्र में वो भारत की मदद कर सकता है. उन्होंने भारत से मांग की कि वह ज्यादा से ज्यादा जर्मनी में निवेश करें. ब्रुइडरले ने कहा कि भारतीय धन का जर्मनी में स्वागत है."
भारतीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने ब्रुइडरले से बातचीत के बाद जोर देकर कहा कि पवन और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में जर्मनी का जवाब नहीं. 2022 तक भारत वैकल्पिक ऊर्जा से बनने वाली बिजली 20 हज़ार मैगावॉट की करना चाहता है.
भारत पश्चिमी देशों से 126 युद्धक विमान खरीदना चाहता है और जर्मनी ने अपने यूरोफाइटर्स का प्रस्ताव रखा है लेकिन स्विटजरलैंड, अमेरिका, फ्रांस और रूस इस क्षेत्र में भारत के साथ व्यापार कर रहे हैं. जर्मन कंपनी ईएडीएस, पनडुब्बियां बनाने वाली कंपनी थिसनक्रुप मरीन जैसी जर्मन कंपनियों ने ब्रुइडरले से उनका पक्ष रखने के लिए कहा था लेकिन भारतीय सरकार को जर्मनी पर इस मामले में विश्वास नहीं है. भारत का कहना है कि हथियारों के मामले में जर्मनी के बहुत कड़े नियम व्यापार में बाधा हैं.
हालांकि जर्मनी ने संरक्षणवाद के विरोध में भारत का समर्थन किया है. यूरोपीय संघ में जर्मनी ही इकलौता देश है जो संरक्षणवाद का विरोध करता है. भारत जर्मनी के बीच औद्योगिक और आर्थिक सहयोग के 17वें सत्र में ब्रुइडरले ने कहा, "मुक्त व्यापार, कर्मचारियों और तकनीक की मुक्त आवाजाही ही सफल वैश्वीकरण का सूत्र हैं. भारतीय निवेश का जर्मनी में स्वागत है. दरवाजे खुले हैं आप जरूर आएं."
जर्मनी में मंझे कर्मचारियों की कमी भी बातचीत का एक मुख्य बिंदु है. आज की तारीख में जर्मनी में 36 हजार इंजीनियरों और 65 हजार आईटी विशेषज्ञों की कमी है.
नई दिल्ली में केंद्र सरकार के मंत्रियों से बातचीत के बाद जर्मन अर्थव्यवस्था मंत्री राइनर ब्रुइडरले शुक्रवार को मुंबई जाएंगे.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः ओ सिंह