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भूकंप में मरने वालों की संख्या 66 तक पहुंची

१९ सितम्बर २०११

भारत और पड़ोसी देशों में रविवार को आए भूकंप से काफी नुकसान हुआ है. भूकंप में मरने वालों की संख्या 66 तक पहुंच गई है. सिक्किम में 39 लोग मरे. तिब्बत, नेपाल, बिहार और बंगाल में भी मरने वालों की संख्या बढ़ी.

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तस्वीर: dapd

अधिकारियों के मुताबिक सबसे ज्यादा सिक्किम में 39 लोगों की मौत हुई है. भारत के बिहार, नेपाल और तिब्बत में सात सात लोगों की मौत हुई है जबकि बंगाल में अब तक छह लोग मारे गए हैं. घायलों में 60 से ज्यादा सिक्किम के हैं.  ज्यादातर लोगों की मौत भूकंप में गिरे मकानों के नीजे दबने के कारण हुई है. 200 से ज्यादा लोग घायल हैं.

भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में  भूकंप के बाद राहत का काम बड़े पैमाने पर शुरू कर दिया गया है. सेना ने ऑपरेशन मदद नाम से राहत का काम शुरू कर दिया है. छह हजार से ज्यादा पुलिस और सैनिकों को राहत काम के लिए लगाया गया है. दूर दराज के गांव मुख्य मार्गों से कट गए हैं और वहां राहत पहुंचाने में काफी दिक्कतें आ रही है. मरने वालों की तादाद और ज्यादा बढ़ सकती है क्योंकि ऐसी आशंका है कि बहुत सारे लोग भूकंप के कारण गिरे मकानों के मलबे में नीचे दबे हुए हैं.

भारत तिब्बत सीमा पुलिस ने बताया कि दो दर्जन विदेशी सैलानियों और तीन सौ से ज्यादा गांववालों को सुरक्षित निकाल लिया गया है.  राहत के कामों में भूस्खलन, बारिश और बिजली की सप्लाई रुकने की वजह से बाधा आ रही है. 6.8 की तीव्रता वाले भूकंप का केंद्र भारतीय राज्य सिक्किम की राजधानी गंगटोक से 68 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में था. सिक्किम के साथ ही आस पास के पूर्वोत्तर राज्यों, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और दिल्ली तक भूकंप के झटके महसूस किए गए.

Flash-Galerie Erdbeben Indien Nepal Tibet Himalaya-Region 2011
तस्वीर: dapd

पड़ोसी देश भी प्रभावित

भारत से बाहर नेपाल, तिब्बत और बांग्लादेश में भी भूकंप के कारण नुकसान हुआ है. नेपाल की राजधानी काठमांडू में भूकंप के बाद हड़कंप मच गया. लोग सड़कों पर निकल आए और पूरी तरह से वहां अव्यवस्था फैल गई. यहां कम से कम 70 लोग घायल हुए हैं. काठमांडू में ब्रिटिश दूतावास के बाहर इंटों से बनी एक दीवार पूरी तरह ढह गई. इसके नीचे दब कर तीन लोगों की मौत हो गई जिसमें एक बच्चा भी है. बांग्लादेश में भूकंप के बाद राजधानी ढाका के हजारों लोग अपने घरों से निकल कर बाहर सड़कों पर आ गए.

तिब्बत में भूकंप के कारण कई जगहों पर भूस्खलन हुआ. चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने खबर दी है कि यादोंग काउंटी में भूकंप के कारण सैकड़ों जगहों पर भूस्खलन हुआ है. भूस्खलन ने ट्रैफिक रोक दिया है और जरूरी चीजों की सप्लाई इस वजह से रुक गई है. सरकार ने सड़कों को साफ करने के लिए भारी मशीनें भेजी है. साथ में राहत का सामान और कर्मचारी भी भेजे जा रहे हैं.

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तस्वीर: dapd

नुकसान का अंदाजा नहीं

भूकंप से हुए नुकसान की तुरंत जानकारी इसलिए नहीं मिल पा रही है क्योंकि इलाका दूर दराज का है जहां तक पहुंचना मुश्किल है. टेलिविजन पर दिखाई गई तस्वीरों में जगह जगह मकानों के मलबे और टूटी सड़कें दिख रही हैं. सड़कों के किनारे दरारें पड़ गई हैं और सिक्किम की दो प्रमुख सड़कें टूट गई है. इन इलाकों में बिजली की सप्लाई भी ठप्प हो गई है. जगह जगह सेना की टुकड़ी राहत और बचाव के काम में लगी है. सबसे पहले मलबे में फंसे लोगों को निकालने की कोशिश की जा रही है. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने देर शाम राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रमुख को आपात बैठक के लिए तलब किया.

इस महीने में दूसरी बार इस इलाके में भूकंप आया है. इससे पहले 1950 और 1897 में यहां बड़े भूकंप आ चुके हैं. रविवार को आए भूंकप के बाद बहुत कम देर के लिए दो और झटके भी आए, जिनकी तीव्रता 6.1 और 5.3 मापी गई. भूकंप पर निगरानी रखने वाले विभाग के अधिकारी आर एस दत्तात्रेयन ने कुछ और भूकंप के झटकों की चेतावनी दी है.

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः महेश झा

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