भूकंप से हिले दिल्ली और कराची
१९ जनवरी २०११भूकंप में राहत देने वाली बात यह रही कि इसका केंद्र आबादी के आसपास नहीं था. अमेरिकी भूगर्भ सर्वे के मुताबिक भूकंप का केंद्र बलूचिस्तान के दलबानदीन शहर के पास जमीन से 80 किलोमीटर नीचे था. फिलहाल प्रभावित इलाकों से जान या माल के नुकसान की खबरें नहीं आई हैं लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि भूकंप का केंद्र जमीन से काफी नीचे था इसलिए उम्मीद है कि ज्यादा नुकसान नहीं होगा.
भूकंप का असर
लेकिन भूकंप का असर जबर्दस्त रहा. रात को एक बजकर 23 मिनट पर दलबानदीन शहर से 400 किलोमीटर दूर कराची शहर में लोग झटके से जागे और अपने अपने घरों से बाहर निकल आए. लोग काफी देर तक घरों के बाहर रहे. हालांकि अधिकारियों ने किसी नुकसान की बात नहीं कही है. लेकिन बलूचिस्तान के छोटे कस्बों और गांवों में, जहां संचार की सुविधा नहीं है, वहां से अभी तक कोई खबर नहीं आई है. उधर भारत के राजस्थान में लोगों ने घरों की दीवारों में दरारें पड़ने की बात कही है. पैसिफिक सूनामी केंद्र ने सूनामी की चेतावनी नहीं दी है.
कम गहराई का इस स्तर का भूकंप खासा नुकसान कर सकता है. पाकिस्तान अब तक भी 2005 के विनाशकारी भूकंप के असर से उबर नहीं पाया है. उस भूकंप ने 70 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः एस गौड़