मछलियों के मुंह में कंप्यूटर गेम्स के चिप
२७ सितम्बर २०१०ब्रिटेन के सेंटर फॉर एन्वायर्नमेंट, फिशरीज एंड एक्वाकल्चर साइंस के वैज्ञानिक मछलियों से यह काम लेने जा रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि मछलियों के व्यवहार को समझने के लिए यह तकनीक काफी कारगर साबित होगी.
मछलियों में तीन धुरी वाले एक्सेलरोमीटर सेंसर लगाए जाएंगे. ये सेंसर कंप्यूटर गेम्स में इस्तेमाल होते हैं और हर दिशा में होने वाली गति का पता लगा सकते हैं. फिशरीज मिनिस्टर रिचर्ड बेन्यन कहते हैं कि यह अद्भुत तकनीक है. उनके मुताबिक यह कमाल की बात है कि जिस तकनीक का इस्तेमाल कंप्यूटर गेम्स में होता है वही अब हमें बता पाएगी कि भविष्य में हमारे पास मछलियों का कितना स्टॉक होगा.
ऐसे एक इलेक्ट्रॉनिक टैग का तो परीक्षण भी हो चुका है. इसे मछलियों के जबड़े में लगा दिया जाता है. मछली जब भी मुंह खोलती है यह टैग एक रिकॉर्ड बना लेता है. इससे वैज्ञानिकों को पता चलेगा कि मछलियां कब सांस लेती हैं, कब खाती हैं, कब खांसती हैं और कब उबासी लेती हैं. यह टैग वैज्ञानिकों को बता सकता है कि कौनी सी मछली किस वक्त कहां है. वैसे यह टैग कोई सस्ता नहीं है.
ऐसा एक टैग बनाने में 1233 डॉलर यानी लगभग 56 हजार रुपये का खर्च आता है. लेकिन वैज्ञानिक इस टेस्ट के नतीजों से इतने खुश हैं कि वे बड़े स्तर पर इन इलेक्ट्रॉनिक चिप्स को बनाकर उन्हें इस्तेमाल करने की योजना बना रहे हैं.
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः आभा एम