मनमोहन का अफ्रीका दौरा आज से
२३ मई २०११सोमवार को भारत और अफ्रीकी देशों के विदेश मंत्रियों की मुलाकात होनी है. इसमें हिस्सा लेने के लिए भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा रविवार को इथियोपिया पहुंचे. उन्होंने इथियोपिया के विदेश मंत्री हैलेमरीयम डेसाल्गन से मुलाकात की. भारत ने इथियोपिया को व्यापार बढ़ाने का भरोसा दिया है. यह भी वादा किया है कि भविष्य में इथियोपिया भारत से और ज्यादा वस्तुओं का आयात करवा सकेगा है.
कृष्णा के बाद भारतीय प्रधानमंत्री भी भारत और अफ्रीकी देशों के बीच व्यापार बढ़ाने पर चर्चा करेंगे. रविवार को मनमोहन सिंह ने भारत और अफ्रीकी देशों के संबंधों को जीवित अवतार की संज्ञा दी. उनके मुताबिक यह संबंध व्यापार, आधारभूत संरचना और तकनीकी आदान प्रदान के आयाम बनेंगें. मनमोहन सिंह ने भारत-अफ्रीकी साझेदारी को अफ्रीका के लिए जरूरत और प्राथमिकताओं पर आधारित बताया. साथ ही कहा कि अफ्रीका के अनुभवों से भारत काफी कुछ सीख सकता है.
दौरे पर रवाना होने से पहले भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा, "आज भारत और अफ्रीका दोनों आगे बढ़ रहे हैं. अफ्रीका विश्व में विकास की नई धुरी की तरह उभर रहा है, जबकि भारत तेज और दृढ़ ढंग से आर्थिक विकास कर रहा है. अफ्रीका और भारत के लोगों के आपसी मजबूत संबंध अच्छे रिश्तों की निशानी हैं. इनमें साथ खड़े रहना और एक दूसरे के भले की सोच निहित है. भारतीय मूल के लोग बड़ी संख्या में अफ्रीका भर में रह रहे हैं, यह दिखाता है कि हमारे रिश्ते ऐतिहासिक हैं."
इथियोपिया के बाद मनमोहन तंजानिया जाएंगे. माना जा रहा है कि गुरुवार को तंजानिया और भारत के बीच कई समझौतों पर दस्तखत होंगे. तंजानिया भारत का प्रमुख कारोबारी साझेदार है. पूर्वी अफ्रीका के इस देश में भारत अब तक 1.3 अरब डॉलर का निवेश कर चुका है. 2008 में हुए पहले इंडिया-अफ्रीका सम्मलेन के बाद से दोनों देशों के बीच व्यापार और सहयोग लगातार बढ़ता जा रहा है.
रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह
संपादन: ईशा भाटिया