ममता को मनाने कोलकाता पहुंची हिलेरी
६ मई २०१२क्लिंटन रविवार सुबह वह कोलकाता पहुंची. इस से पहले वह 1997 में मदर टेरेसा के देहांत के बाद कोलकाता आई थीं. बिल क्लिंटन के राष्ट्रपति रहते हुए वह अमेरिका की प्रथम महिला के रूप में भारत आई थीं. भारत में अमेरिकी राजदूत नैन्सी पॉवेल और भारत सरकार के अन्य उच्च अधिकारियों ने रविवार को कोलकाता के नेताजी सुभाष चन्द्र बोस हवाई अड्डे पर क्लिंटन का स्वागत किया.
क्या होंगी मुद्दे
माना जा रहा है कि क्लिंटन के भारत दौरे में ईरान से तेल आयात मुख्य मुद्दा रहेगा. अमेरिका भारत और अन्य देशों पर दबाव बना रहा है कि वे ईरान से तेल के आयात बंद करें. ऐसा कर वह तेहरान पर परमाणु कार्यक्रम से हटने का दबाव बनाना चाहता है. भारत 80 प्रतिशत कच्चा तेल आयात करता है और इसका 12 फीसदी ईरान से आता है. नई दिल्ली ने कहा है कि उसे तेल की जरूरत है और वह ईरान से आने वाले तेल पर रोक नहीं लगाएगा. हालांकि पिछले कुछ समय में ईरान से आए तेल में कमी आई है. भारत ने यह कमी पूरी करने के लिए सउदी अरब से आयात बढ़ाया है.
इसके आलावा मंगलवार को भारत के विदेश मंत्री एसएम कृष्णा के साथ बैठक में परमाणु सहयोग और सुरक्षा के मुद्दों पर भी बातचीत होगी. क्लिंटन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी मिलेंगी और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा करेंगी. साथ ही वह ममता बनर्जी के साथ एफडीआई और मल्टी ब्रैंड रिटेल पर भी बातचीत करेंगी.
राजनीति से संस्कृति तक
रविवार को क्लिंटन ने सांस्कृतिक मामलों की परिषद आईसीसीआर (इंडियन काउंसिल फॉर कलचरल रिलेशंस) में महिला अधिकारों पर चर्चा की. उसके बाद वह विक्टोरिया मेमोरियल गईं. अमेरिकी सेंटर ने बताया की क्लिंटन सोमवार को पश्चिम बंगाल के सचिवालय में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक करेंगी. ममता बनर्जी को रिटले और एफडीआई में केंद्र सरकार के सामने बड़ा रोड़ा माना जाता है. हिलेरी ममता से मिल कर इस बाधा को दूर करने की कोशिश करेंगी. इसके बाद वह राजधानी दिल्ली रवाना होंगी.
क्लिंटन की यात्रा के लिए खास सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं. उनका जत्था जिस रास्ते से गुजरेगा वहां चौकसी बढ़ा दी गई है और सभी जगहों पर सुरक्षाकर्मी भी तैनात किए गए हैं. एफबीआई राइटर्स बिल्डिंग की पिछले चार दिनों में चार बार तलाशी ले चुकी है.
बांग्लादेश को नसीहत
भारत आने से पहले क्लिंटन चीन और बांग्लादेश हो कर आईं हैं. रविवार को भारत पहुंचने से पहले ढाका में क्लिंटन ने कहा कि बांग्लादेश को अपनी भौगोलिक स्थिति का फायदा उठाना चाहिए. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश भारत और चीन के बीच स्थित है, ये दोनों ही देश बहुत ही तेजी से विकास कर रहे हैं और इस से बांग्लादेश को भी उन्नति का मौका मिलता है. क्लिंटन ने बांग्लादेश को म्यांमार और भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ने पर बधाई दी और कहा कि इन्हें ठीक इसी तरह आगे बढ़ना चाहिए. बांग्लादेश में युवाओं से बात करते हुए उन्होंने सलाह दी कि म्यांमार में हो रहे राजनीतिक बदलाव का भी बांग्लादेश को फायदा लेना चाहिए, "म्यांमार में चालीस साल बाद हो रहा बदलाव आप लोगों के लिए एक बेहतरीन मौका है." बांग्लादेश के राजनीतिक हालात के बारे में क्लिंटन ने कहा, "आप लोकतंत्र के रास्ते पर चल रहे हैं. यह अव्यवस्थित है, लेकिन लोकतांत्रिक प्रक्रिया कई बार अव्यवस्थित हो जाती है."
आईबी/ओएसजे (पीटीआई)