मम्मियां हैं सबसे ताकतवर महिलाएं
२६ अगस्त २०११अमेरिकी पत्रिका फोर्ब्स ने दुनिया की सौ सबसे ताकतवर महिलाओं की एक सूची जारी की है. 2011 के लिए जारी की गई सूची में भारत की तीन महिलाएं हैं. इसके अलावा भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक इंदिरा नूयी भी इस सूची में शामिल हैं.
कौन कौन भारतीय
फोर्ब्स की इस साल की सूची में जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल को दुनिया की सबसे ताकतवर महिला बताया गया है. पहली 10 ताकतवर महिलाओं में भारत की सोनिया गांधी सातवें नंबर पर हैं. इस वक्त अमेरिका के एक अस्पताल में इलाज करा रही 64 वर्षीय सोनिया गांधी अमेरिकी राष्ट्रपति बराका ओबामा की पत्नी मिशेल ओबामा से एक स्थान ऊपर हैं.
अमेरिकी नागरिक बन चुकीं पेप्सी कंपनी की प्रमुख इंदिरा नूई सोनिया गांधी से भी ऊपर हैं. वह 100 महिलाओं की सूची में चौथे नंबर पर हैं.
दो और भारतीय महिलाएं इस सूची में शामिल हैं. आईसीआईसीआई बैंक की प्रमुख चंदा कोचर 43वें नंबर पर हैं. 25 साल की उम्र में कंपनी बायोकॉन बनाने वालीं किरन मजूमदार शॉ 99वें नंबर पर हैं. शॉ की कंपनी बायोकॉन को आज दुनिया की चंद बड़ी कंपनियों में गिना जाता है.
टॉप 10 में कौन और कैसे
फोर्ब्स ने इस साल जो 100 महिलाओं की सूची जारी की है उसमें जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल सबसे ऊपर हैं. वह दुनिया के सबसे ताकतवर लोगों की सूची में भी छठे नंबर पर हैं. उनके बाद अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी हिलेरी क्लिंटन का नंबर है. लेकिन इस सूची में अगर किसी का जिक्र प्रमुखता से किया जा सकता है तो वह डिल्मा रूसेफ हैं. पिछले साल ब्राजील की राष्ट्रपति बनीं रूसेफ इस साल तीसरे नंबर पर हैं. पिछले साल इसी सूची में वह 95वें नंबर पर थीं. इंदिरा नूई ने भी छलांग लगाई है लेकिन थोड़ी सी. वह पिछले साल छठे नंबर पर थीं और इस साल उनका नंबर चौथा है. नए नए आइडियाज के लिए चर्चित नूई ने इस साल कंपनी के 60 करोड़ डॉलर के कुल विज्ञापन बजट में से दो करोड़ डॉलर सिर्फ सोशल मीडिया पर खर्च कर दिया. इससे सोशल मीडिया की ताकत पता चलती है.
और यही वजह है कि फेसबुक की सीओओ शेरिल सैंडबर्ग दुनिया की पांचवीं सबसे ताकतवर महिला बताई गई हैं. फिर लिंडा गेट्स, सोनिया गांधी और मिशेल ओबामा का नंबर है. इसी साल आईएमएफ की प्रमुख बनीं फ्रांस की क्रिस्टीन लागार्ड को उनके पद ने इतनी ताकत बख्श दी है कि वह नौवें नंबर पर हैं. दसवें नंबर पर क्राफ्ट्स फूड की सीईओ आयरीन रोजेनफेल्ड हैं जिनका नंबर असल में गिरा है. वह पिछले साल दूसरे नंबर पर थीं. उनकी कंपनी ने कैडबरीज का अधिग्रहण करने की कोशिश की जिसे दुनिया के सबसे बड़े निवेशक वॉरेन बफेट ने बेवकूफी करार दिया. अधिग्रहण नाकाम हो गया.
भारतीय महिलाओं की ताकत
दुनिया की 100 ताकतवर महिलाओं में जो चार भारतीय हैं, हालांकि उनमें से एक इंदिरा नूयी तो अमेरिकी नागरिक हैं, ये महिलाएं पहले भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चर्चित रही हैं. वैसे सातवें नंबर पर बताई गईं सोनिया गांधी पिछले साल इस सूची में थी भी नहीं. हालांकि वह पिछले साल दुनिया के सबसे ताकतवर लोगों की सूची में नौवें नंबर पर थीं. इस साल वह महिला सूची में भी आ गई हैं. उनके बारे में फोर्ब्स पत्रिका ने लिखा है, "भारी भरकम आर्थिक तरक्की के लिए प्रशंसा पाने वाली सोनिया गांधी को राजनीतिक भ्रष्टाचार के मामले में ढील बरतने के लिए आलोचना झेलनी पड़ती है. साथ ही उन पर देश की आबादी के सबसे तेजी से बढ़ते हिस्से यानी नौजवानों के साथ संपर्क कायम करने में नाकाम रहने के आरोप भी लगते हैं. वह कला की बड़ी जानकार हैं. उनके पास ऑयल पेंटिग्स के संरक्षण की डिग्री भी है. हाल ही में उनकी अमेरिका में सर्जरी हुई है."
चंदा कोचर ने इस बार सूची में लंबी छलांग लगाई है. वह पिछले साल 92वें नंबर पर थीं जबकि इस साल वह 43वें नंबर पर आ गई हैं. पत्रिका के मुताबिक, "भारत के दूसरे सबसे बड़े बैंक की मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ 49 साल की कोचर 118 अरब अमेरिकी डॉलर की संपत्ति का कामकाज संभालती हैं."
किरन मजूमदार शॉ भी सोनिया गांधी की तरह इसी साल सूची का हिस्सा बनी हैं. वह इस साल 99वें नंबर पर हैं. उनके बारे में पत्रिका लिखती है, "भारत की पहली बायोटेक बिजनसवुमन किरन मजूमदार शॉ ने सिर्फ 25 साल की उम्र में 1978 में बायोकॉन बनाई. आज उनकी कंपनी भारत की सिर्फ दूसरी ऐसी कंपनी है जिसने शेयर बाजार में अपने पहले ही दिन में एक अरब डॉलर जमा कर लिए."
मम्मियां हैं सबसे ताकतवर
100 महिलाओं की इस सूची की कई दिलचस्प बातें हैं. ज्यादातर महिलाएं राजनीति, बिजनस, मीडिया और मनोरंजन की दुनिया से हैं. लेकिन उनकी ताकत की वजह सिर्फ पैसा नहीं है. अब सोशल मीडिया में उनकी मौजूदगी से लोगों तक उनकी पहुंच बढ़ी है और इसका असर उनकी ताकत पर हुआ है. इस सूची की औसत उम्र 54 साल है और इनके पास कुल मिलाकर 30 खरब डॉलर की संपत्ति है. सूची में 29 सीईओ और आठ राष्ट्राध्यक्ष हैं. 22 महिलाएं अविवाहित हैं और 26 ऐसी हैं जो पहली बार इसमें शामिल हुई हैं.
इस सूची का सबसे मजबूत पहलू है मां. सूची की 88 फीसदी महिलाएं मां हैं. फोर्ब्सवुमन की अध्यक्ष और पब्लिशर मोएरा फोर्ब्स इसे बहुत अहम पहलू मानती हैं. वह कहती हैं, "इस बात ने हमें भी हैरान किया है. अब ऐसा नहीं है कि महिलाएं परिवार और करियर में से किसी एक को चुन रही हैं. वे दोनों काम ही साथ साथ संभाल रही हैं."
रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार
संपादनः ए जमाल