मलाला को अस्पताल से छुट्टी
४ जनवरी २०१३डॉक्टरों ने कहा कि मलाला अब इतनी अच्छी हो गई है कि आराम से घर पर परिवार के साथ रह सकती है. अक्तूबर में तालिबान लड़ाकों ने स्कूली बस में घुस कर 15 साल की मलाला के सिर में गोली मार दी थी. पाकिस्तान और ब्रिटेन के डॉक्टरों के अथक प्रयास के बाद उसे बचा लिया गया.
पाकिस्तान के सैनिक डॉक्टरों ने शुरू में उसका इलाज किया और बाद में उसे ब्रिटेन भेज दिया गया. यहां के विशेषज्ञ डॉक्टरों का कहना है कि जनवरी के आखिर में या फरवरी के शुरू में उसे दोबारा एडमिट होना पड़ेगा, ताकि उसकी रिकंस्ट्रक्शन सर्जरी की जा सके.
बेहद करीब से मलाला को सिर में गोली मारने की घटना ने पूरी दुनिया को परेशान कर दिया था. पाकिस्तान के स्वात घाटी की यह वारदात अंतरराष्ट्रीय मीडिया की सुर्खियों में रही और यहां तक कि टाइम पत्रिका ने पिछले साल के पर्सन ऑफ द ईयर के लिए भी मलाला का नाम रखा.
फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाली मलाला पूरी दुनिया में तालिबान के विरोध का प्रतीक बन गई और साथ ही महिला तथा शिक्षा के अधिकार की भी. दुनिया भर के करीब ढाई लाख लोगों ने उसे नोबेल पुरस्कार देने की मांग की है और इससे जुड़ी ऑनलाइन अर्जी पर दस्तखत किए हैं.
इंग्लैंड के बर्मिंघम शहर में मलाला का इलाज हुआ. क्वीन एलिजाबेथ अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि हालांकि गोली उसके भौं में लगी लेकिन उसकी खोपड़ी नहीं भेद पाई, बल्कि चमड़ी से होती हुई गर्दन तक पहुंच गई. न्यूरोसाइंस और ट्रॉमा के एक्सपर्ट डॉक्टरों ने उसका इलाज किया. क्वीन एलिजाबेथ अस्पताल ऐसे इलाजों के लिए माकूल जगह है.
अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डेव रॉसर ने कहा, "मलाला एक बहादुर लड़की है. अपने इलाज के दौरान भी उसने बहुत मेहनत की है. मलाला और उसकी देखभाल कर रही मेडिकल टीम से बातचीत के बाद हमने फैसला किया कि वह घर पर रह कर और अच्छी हो सकती है."
वह पहले भी अस्पताल से बाहर निकल चुकी है और अपने मां बाप के अलावा छोटे भाई से भी मिल चुकी है. फिलहाल यूसुफजई का परिवार इंग्लैंड में रह रहा है. रॉसर ने कहा, "जब वह पहले बाहर जा रही थी, तो मेडिकल टीम ने इस बात पर नजर रखी कि उसकी रिकवरी कैसी हो रही है."
मलाला के पिता ने अक्तूबर में भी कहा था कि वह एक बार फिर बुलंद हौसले के साथ आगे बढ़ेगी और अपनी पढ़ाई जारी रखेगी.
एजेए/आईबी (एएफपी, रॉयटर्स)