मलेरिया रोकेगी नई दवा
४ सितम्बर २०१०अमेरिकी विज्ञान पत्रिका साइंस में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार नई दवा का क्लिनिकल टेस्ट इसी साल शुरू हो जाएगा. अमेरिका में कैलिफोर्निया स्थित स्क्रिप्स शोध संस्थान की एलिजाबेथ विंसेलर ने यह अध्ययन किया है. उनका कहना है कि इस दवा में एक ही गोली खाने से बीमारी का मुकाबला करने की संभावना है.
बाजार में मलेरिया की अब तक जो दवाएं उपलब्ध हैं उन्हें तीन से सात दिन तक दिन में एक से चार बार खाना पड़ता है. मच्छरों पर बहुत सी दवाओं का कोई असर नहीं होता क्योंकि उन्होंने उसके खिलाफ क्षमता विकसित कर ली है. वैज्ञानिकों का मानना है कि नई दवा का सिर्फ एक डोज लेने से मलेरिया दवाओं के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाएगी.
एनोफिलिस मच्छर लोगों में मलेरिया फैलाते हैं, जिसके तहत शरीर प्लामोडिया नामक परजीवी से संक्रमित हो जाता है. इसका असर गुर्दे से होते हुए लाल रक्त कणिकाओं को नष्ट किए जाने और बुखार, सरदर्द तथा वमन के रूप में सामने आता है. यदि उपचार न हो तो मलेरिया जीवन के लिए खतरा बन सकता है क्योंकि जीवन के लिए आवश्यक रक्त संचालन बाधित हो जाता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन डब्ल्यूएचओ के अनुसार 2008 में विश्व भर में लगभग 25 करोड़ मलेरिया के मामले हुए. लगभग दस लाख लोगों की इससे मौत हो गई. उनमें से अधिकांश अफ्रीका में बच्चे थे.
रिपोर्ट: एएफपी/महेश झा
संपादन: एस गौड़