मिलावटी दूध पाउडर बेचने पर मौत की सजा
२५ नवम्बर २००९चीन में आज दो लोगों को दूध पावडर में विषैले पदार्थ की मिलावट करने की वजह से मौत की सजा दे दी गई. इस मिलावट के कारण चीन में छह नवजात शिशुओं की मौत हो गई थी और तक़रीबन तीन लाख अन्य बीमार पड़ गए थे.
सरकारी सिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार ज़ांग युजुन और गेंग ज़िनपिंग को चीन के उत्तरी शहर शीजियाझुआंग में बच्चों के दूध में विषाक्त चीजें मिलाने और बेचने की वज़ह से इस साल की शुरूआत में मौत की सजा सुनाई गई थी.
चीन के सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि दूध पावडर में घातक मिलावट की वजह से लोगों को जो नुकसान हुआ है उसके मद्देनज़र दोनों के लिए मौत की सजा न्यायसंगत है. शहर के यानज़ाओ अख़बार में छपे उच्च न्यायालय के फ़ैसले के अनुसार ज़ांग युजुन का यह अपराध वाक़ई शर्मनाक है. इससे समाज का बेहद नुकसान हुआ है.
इन दोनों ने मार्च में मृत्युदंड के विरुद्ध अपील की थी लेकिन दोनों की अपील को खारिज़ कर फांसी की सजा बहाल रखी गई. चीन में उच्च न्यायालय ही किसी व्यक्ति को मौत की सजा की पुष्टि कर सकता है.
जब सितम्बर 2008 में दूध पावडर में मिलावट की घटना सामने आई थी तब चीन में खाद्य वस्तुओं के सुरक्षित होने पर लोगों के मन में डर पैदा हो गया था. साथ ही दुनिया भर में चीन के दुग्ध उत्पादों के आयात पर रोक लगाने की भी बात हो रही थी.
सिन्हुआ समाचार एजेंसी के अनुसार ज़ांग ने यह क़बूल किया कि जुलाई 2007 से अगस्त 2008 तक उसने 770 टन मिल्क पावडर में औद्योगिक रसायन मेलामाइन मिलाकर बेचा. मेलामाइन का प्रयोग प्लास्टिक बनाने में किया जाता है. उसे दूध में मिलाने पर दूध गाढ़ा और पौष्टिक नज़र आता है..
ज़ांग ने अपना दुग्ध पाउडर सानलु ग्रुप और डेयरी दलालों को बेचा था. उसका कहना है कि इस मिलावट की मुख्य वजह डेयरी कंपनियां ही थीं. मिलावट का पर्दाफाश अगस्त 2008 में पेइचिंग ओलंपिक के बाद हुआ. इस अंतरराष्ट्रीय खेल के दौरान शर्मिदंगी से बचने के लिए अधिकारियों ने जल्द ही मामले को निबटाने की कोशिश की.
चीन में इस मिलावटी दूध पावडर की वजह से छह नवजात शिशुओं की मौत हो गई और तीन लाख बच्चों को गुर्दे और मूत्रमार्ग की बीमारियों से जूझना पड़ा.
देश भर में बाइस डेयरी फर्मों को दूषित दूध बेचने के आरोप में पकड़ा गया. सरकार ने इन फर्मों को एक करोड़ साठ लाख डॉलर मुआवज़े के तौर पर उन परिवारों को देने के आदेश जारी किए हैं जिनके बच्चे मिलावटी दूध की वजह से बीमार पड़े या मौत के शिकार हुए हैं.
चीन में पीड़ित परिवारों और उनके वकीलों को शिकायत है कि मुआवज़े की रकम अपर्याप्त है और उनकी मांग है कि सरकार को खाद्य सुरक्षा की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए.
अब तक इक्कीस लोगों ने इस घोटाले में अपने दोष क़बूल किये हैं जिसमें गैंग का मुख्य त्यान वेन्हुआ भी शामिल है जिसे उम्रक़ैद की सज़ा दी गई थी. सानलु ग्रुप एक समय चीन की सबसे बड़ी दुग्ध उत्पादक कंपनी थी, लेकिन फरवरी में ही दिवालिया हो गई. उस पर तक़रीबन एक करोड़ इकसठ लाख का कर्ज़ था.
रिपोर्ट :एजेंसियां सरिता झा
संपादनः राम यादव