मुंबई ने चेन्नई को 8 रन से हराया
२३ अप्रैल २०११शुक्रवार रात खेले गए इस रोमांचक मैच में मुंबई ने चेन्नई को 165 रनों का लक्ष्य दिया था. इसके लिए रोहित शर्मा के 87 रन बडे़ काम के साबित हुए जो सिर्फ 48 गेंदों पर बनाए गए थे. फिर भी लक्ष्य ऐसा नहीं था जिसे हासिल न किया जा सके. और महेंद्र सिंह धोनी के खिलाड़ी जब बैटिंग करने उतरे तो उन्होंने इसी अंदाज में बैटिंग की मानो वे जीत ही जाएंगे. सुब्रमण्यम बद्रीनाथ ने 48 गेंदों पर 71 रन बनाकर यह बता दिया.
ऐसे रोमांचक मैच किस्मत से नहीं, प्रदर्शन से जीते जाते हैं. और मुंबई के गेंदबाज हरभजन सिंह ने यह साबित करने के लिए रिकॉर्ड प्रदर्शन किया. उन्होंने विकेटों के पंजे में चेन्नई के बल्लेबाजों को ऐसा दबोचा कि वे जीत के करीब पहुंचकर भी उसे छू नहीं पाए.
आईपीएल के इस सीजन में दूसरी बार ऐसा हुआ है जब एक गेंदबाज ने पांच खिलाड़ियों को आउट किया हो. इससे पहले भी मुंबई के ही लसित मलिंगा ने डेल्ही डेयरडेविल्स के खिलाफ पांच विकेट लिए थे.
आईपीएल के पांच मैचों में मुंबई की यह चौथी जीत है. इसमें मुंबई के फील्डरों को भी श्रेय मिलना चाहिए. उन्होंने गजब का प्रदर्शन किया. पांचवें ओवर में किरोन पोलार्ड का हवा में उछलकर कैच लेना अद्भुत दृश्य था. माइकल हसी ने उस शॉट पर लौटने की नहीं सोची होगी. ऐसा न होता तो 33 गेंदों पर 41 रन बना चुकने के बाद वह अपनी टीम को जीत तक भी ले जा सकते थे.
चेन्नई के लिए यही बात खराब हुई. 165 के लक्ष्य का पीछा करते हुए उनके विकेट लगातार गिरते रहे. और 18वां ओवर तो ताबूत में आखिरी कील साबित हुआ. हरभजन सिंह के इस ओवर में तीन विकेट गिरे. हरभजन सिंह को मैन ऑफ द मैच चुना गया.
रिपोर्टः पीटीआई/वी कुमार
संपादनः आभा एम