मुंबई हमले में 40 भारतीय शामिलः पाकिस्तान
२ जुलाई २०१२पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी का बयान एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने छापा है जिसमें कहा गया है, "हमारे पास जानकारी है कि कम से कम 40 भारतीय नागरिकों ने हमलावरों की मदद की. हम भारत से इस पर सफाई चाहते हैं." अखबार ने इस अधिकारी का नाम जाहिर नहीं किया है. अखबार की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान इसी हफ्ते विदेश सचिवों की बैठक के दौरान अबू जुंदल की गिरफ्तारी से जुड़े ब्यौरे देने के लिए दबाव बनाएगा. 4 जुलाई को दिल्ली में दोनों देशों के विदेश सचिवों की मुलाकात में जुंदल की गिरफ्तारी का मसला छाए रहने के आसार बन गए हैं. पाकिस्तानी अधिकारी ने कहा है, "भारत ने अब तक इस गिरफ्तारी के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं दी है."
पाकिस्तान पहले भी कहता रहा है कि मुंबई पर हमला भारतीय नागरिकों की मदद के बगैर संभव नहीं था.
विदेश मंत्रालय के अधिकारी का यह भी कहना है कि भारत ने हमलों की जांच से जुड़ी सारी जानकारियां देने में हमेशा आनाकानी की है. इस अधिकारी का कहना है, "जब पाकिस्तानी न्यायिक आयोग भारत में सबूत जुटाने गया तो उन्हें गवाहों से जिरह करने से रोका गया." इस अधिकारी का यह भी कहना है कि अगर जांच से जुड़ी सारी जानकारियां दी गईं होती तो पाकिस्तान ने निर्णायक कदम उठाया होता. उधर भारतीय अधिकारियों का कहना है कि आयोग के भारत दौरे से बहुत पहले ही पाकिस्तान के साथ यह पहले ही करार हो गया था कि आयोग को जिरह करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. हमले के बाद पाकिस्तान ने लश्कर ए तैयबा के ऑपरेशन कमांडर जकीउर रहमान लखवी समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया लेकिन उनके खिलाफ कार्रवाई एक साल से ज्यादा वक्त से रुकी हुई है.
भारतीय अधिकारियों ने अबू जुंदल को सउदी अरब से प्रत्यर्पित करने के बाद गिरफ्तार किया. पूछताछ में उसने जानकारी दी है कि हमले का नियंत्रण कराची से हो रहा था और वह खुद भी वहां मौजूद था. पाकिस्तान के गृह मंत्री रहमान मलिक ने इस बारे में कहा है कि विदेशी खुफिया एजेंसियां पाकिस्तान की कारोबारी राजधानी की छवि खराब करने में जुटी हैं. मलिक ने भारत से सवाल किया है कि उसने कितने आतंकवादी पाकिस्तान भेजे हैं. लंदन में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान रहमान मलिक ने कहा, "भारत को बताना चाहिए कि उसने कितने उग्रवादी पाकिस्तान में भेजे है."
पाकिस्तान ने जासूसी के आरोप में उम्र कैद की सजा काटने के बाद भारतीय नागरिक सुरजीत सिंह को पिछले हफ्ते रिहा किया. रहमान मलिक का कहना है कि भारत को पाकिस्तान में अपने जासूस भेजने के लिए उनके देश से माफी मांगनी चाहिए. सुरजीत सिंह को मौत की सजा मिली थी लेकिन पाकिस्तानी राष्ट्रपति ने 1989 में इसे उम्रकैद में बदल दिया.
एनआर/एमजी(पीटीआई)