मुशर्रफ ने छोड़ा पाक लौटने का इरादा
११ अप्रैल २०११सेना ने मुशर्रफ के इस आग्रह को भी खारिज कर दिया कि वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए पाकिस्तान आने पर उनकी गिरफ्तारी न होने दे. मुशर्रफ पर पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और बलोच नेता नवाब अकबर बुग्ती की हत्या में शामिल होने के आरोप हैं.
2008 में पाकिस्तानी राष्ट्रपति का पद छोड़ने वाले मुशर्रफ पिछले दो साल से ब्रिटेन में रह रहे हैं. उन्हें बलूचिस्तान और कबायली इलाकों से कई धमकियां मिलती रही हैं. वह तालिबान और बलोच राष्ट्रवादी उग्रवादियों के निशाने पर भी बताए जाते हैं. मुशर्रफ के एक मित्र का कहना है, "वह डरे हुए हैं. स्वाभाविक तौर पर उन्हें बहुत ज्यादा खतरा है. इसलिए वह आश्वस्त होना चाहते हैं कि वतन वापसी पर वह दुश्मनों के हाथ न पड़ें."
पिछले साल मुशर्रफ ने अपनी राजनीतिक पार्टी का एलान किया. फेसबुक और ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों पर खासे सक्रिय मुशर्रफ युवाओं में काफी हद तक लोकप्रिय बताए जाते हैं. अपनी पार्टी का एलान करते हुए उन्होंने सही समय पर पाकिस्तान लौटने की भी बात कही थी, लेकिन बताते हैं कि अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अब उन्हें अपने फैसले पर दोबारा विचार करना पड़ा रहा है.
शनिवार को ही पाकिस्तान की एक अदालत ने सरकार से कहा कि वह मुशर्रफ की गिरफ्तारी के लिए काम तेज करे. हालांकि इस बात को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है कि क्या ब्रिटेन मुशर्रफ की गिरफ्तारी के वारंट का सम्मान करेगा. मुशर्रफ के खिलाफ बेनजीर हत्याकांड में गिरफ्तारी का वारंट जारी किया गया है. उन पर पूर्व प्रधानमंत्री भुट्टो को उचित सुरक्षा न देने का आरोप है, जिनकी 2007 में रावलपिंडी में एक चुनावी रैली के बाद हत्या कर दी गई. मुशर्रफ के खिलाफ फरवरी में गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार
संपादनः उभ