मेजबानी की तैयारी में लीबिया
२२ मार्च २०१३लीबिया को 2013 में अफ्रीका कप की मेजबानी करनी थी लेकिन वहां के शासक मुअम्मर अल गद्दाफी के खिलाफ विद्रोह के कारण मेजबानी दक्षिण अफ्रीका को दे दी गई जिसे 2017 में अफ्रीकी देशों के फुटबॉल टूर्नामेंट की मेजबानी करनी थी.
लीबिया के उप प्रधानमंत्री और अफ्रीका कप की आयोजन समिति के प्रमुख अवद अल बरासी का कहना है कि उनका मुल्क टूर्नामेंट की 60वीं वर्षगांठ पर उसका आयोजन करने और उसकी सफलता के लिए हर साधन का इस्तेमाल करने को प्रतिबद्ध है. लेकिन चुनौती बहुत बड़ी है.
लीबिया के अधिकारी अभी भी असुरक्षा और हिंसा का सामना कर रहे देश में कानून और व्यवस्था लागू करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. गद्दाफी के खिलाफ लड़ने वाले विद्रोही लड़ाकों को सुरक्षा बलों का हिस्सा बना दिया गया है, लेकिन अभी भी हथियारबंद गिरोह अपने हथियार सारकार को वापस देने से इनकार कर रहे हैं.
खेल मंत्री अब्देससलाम गूलिया का मानना है कि 2017 में टूर्नामेंट का आयोजन के बाद सामान्य हालात के नए युग की शुरुआत होगी. वे कहते हैं, "अफ्रीका कप का आयोजन देश भर में सामान्य जीवन की वापसी और विकास परियोजनाओं की शुरुआत को दिखाएगा." उन्होंने सरकारी और निजी सेक्टर से इस परियोजना में भाग लेने की अपील की है.
प्रधानमंत्री अली जेदान का कहना है कि सुरक्षा आयोजन की कुंजी है. वे कहते हैं, "अगर सुरक्षा बहाल नहीं होती तो कोई हमारे पास नहीं आएगा." प्रधानमंत्री ने हिंसा के खिलाफ एकता का आह्वान किया है और छापामार संगठनों पर प्रतिबंध की मांग की है जो देश भर में हिंसा फैला रहे हैं.
उधर लीबियाई अधिकारियों ने अफ्रीकी फुटबॉल महासंघ को लुभाने के लिए अभियान शुरू किया है. गद्दाफी विरोधी आंदोलन के नेता और पूर्व फुटबॉलर मुस्तफा अब्देल जलील को वापस लाकर महासंघ के अधिकारियों को यह भरोसा दिलाने की कोशिश हो रही है कि लीबिया हाइ प्रोफाइल टूर्नामेंट का आयोजन कर सकता है
आयोजन समिति का कहना है कि विश्व फुटबॉल महासंघ फीफा के प्रमुख सेप ब्लाटर और अफ्रीकी फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष इसा हयातू ने 2017 के अफ्रीका कप के आयोजन के लिए लीबिया का समर्थन किया है. लीबिया तीन शहरों त्रिपोली, मिसराता और बेनगाजी में मैचों का आयोजन करना चाहता है.
आयोजन समिति का कहना है टूर्नामेंट के मैच छह स्टेडियमों में खेले जाएंगे. उनमें से दो स्टेडियम त्रिपोली में बनाए जाएंगे, जिनकी क्षमता 60,000 और 22,000 होगी. मिसराता में 23,000 लोगों की क्षमता वाला स्टेडियम बनेगा.
अफ्रीकी फुटबॉल महासंघ सीएएफ का एक प्रतिनिधिमंडल संरचनाओं और सुरक्षा की स्थिति की जांच के लिए इस महीने त्रिपोली और बेनगाजी का दौरा करेगा. यह प्रतिनिधिमंडल इस बात का भी फैसला करेगा कि लीबिया में फिर से अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाएं कराई जा सकती हैं या नहीं. इस पर 2011 से रोक लगी है. लीबिया में पहले फुटबॉल फेडरेशन पर गद्दाफी परिवार का कब्जा था.
एमजे/ओएसजे (एएफपी)