मेलबर्न में टेनिस का महाकाव्य
२० जनवरी २०१३हार के बावजूद बाजीगर बनकर उभरे स्विट्जरलैंड के स्टानीस्लास वाव्रिंगकाह खुद को रोने से नहीं रोक पाए. लेकिन उनकी आतिशी टेनिस ने उन्हें इतना सम्मान दिया कि जोकोविच का खेमा भी उनके लिए उठ खड़ा हुआ और हाथ हिलाकर विदा किया. 27 साल के वाव्रिंगकाह ने बैग बांधा. दर्शकों की तरफ जो नजर उठी, उसमें उम्मीद और मायूसी एक साथ दिखी. एक हाथ हिलाया और दूसरे से आंसू पोंछते निकल गए.
गजब का मैच
दुनिया के नंबर एक टेनिस खिलाड़ी सर्बिया के नोवाक जोकोविच ने बुरे से बुरे सपने में भी नहीं सोचा होगा कि ऑस्ट्रेलियन ओपन के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने में उन्हें खून पसीना एक करना पड़ेगा. स्विस खिलाड़ी ने पांच घंटे तक तसल्ली से जोकोविच के सारे पेंच कस दिए.
क्वार्टर फाइनल में पहुंचने के इस मुकाबले में वाव्रिंगकाह ने पहला सेट 6-1 से जीता, दूसरा और तीसरा सेट 7-5, 6-4 से हार गए. चौथा सेट टाई ब्रेकर तक गया और वाव्रिंगकाह ने 7-6 से जीत दर्ज की. इस तरह चार घंटे और चार सेट के बाद भी मुकाबला बराबरी पर रहा.
पांचवें और निर्णायक मुकाबले से पहले जोकोविच तौलिये से पसीना पोंछ रहे थे तो वाव्रिंगकाह के फिजियो उनकी जांघों की मालिश कर रहे थे. हल्के आराम के बाद खूंखार मुकाबला फिर शुरू हुआ. जोकोविच 185 किलोमीटर की रफ्तार से सर्विस मार रहे थे तो वाव्रिंगकाह उतना ही तेज रिटर्न भर रहे थे. नौवीं वरीयता के वाव्रिंगकाह ने कुछ ऐसे शॉट मारे की जोकोविच आंखें फटी रह गईं.
पांचवां सेट भी 5-5 हुआ और टाईब्रेकर में चला गया. फिर स्कोर 8-8 हुआ. फिर 9-9 और 10-10. दोनों खिलाडी़ बीच बीच में थकते दिखे लेकिन अगले पल तेज रफ्तार से पूरे बदन को खींचते हुए शॉट जड़ते हुए भी नजर आए. अपनी अपनी सर्विस बचा कर मैच आगे बढ़ाते गए.
प्वाइंट गंवाने के बाद जोकोविच जहां आंखें तान कर खुद को कोसते, वहीं वाव्रिंगकाह टेनिस की छोटी बॉल को फुटबॉल जैसी किक लगाकर बाहर करते. इस बीच पांच घंटे गुजर गए, पांचवें सेट का स्कोर जोकोविच के पक्ष में 11-10 था, लेकिन स्विस खिलाड़ी ने भी हार नहीं मानी. पुरुषों के टेनिस में चीखने चिल्लाने की आवाजें कम आती हैं, लेकिन बुरी थक चुके ये दोनों खिलाड़ी आखिर में हर एक शॉट पर चीख कर ऊर्जा जमा करने की कोशिश करने लगे.
11-10 पर वाव्रिंगकाह ने काफी देर जोकोविच को रोके रखा. जोकोविच को मिलते एडवांटेज को वाव्रिंगकाह खत्म करते रहे. हालांकि खुद को मिले एडवांटेज का मौका भी वह नहीं उठा पाए. पांच घंटे के खेल के बाद तय था कि दोनों का खेल गजब है, अब हार उसी की होगी जो मानसिक रूप से पहले समर्पण करेगा. आखिरी मौके पर जोकोविच का अनुभव भारी पड़ा.
जोकोविच को ताज बचाने का मौका मिल गया है. अगर इस बार भी वह मेलबर्न में खिताब हासिल कर लेते हैं, तो लगातार तीन बार ऑस्ट्रेलियन ओपन जीतने वाले पहले टेनिस खिलाड़ी बन जाएंगे.
ओएसजे/एजेए (डीपीए, एएफपी)