मैर्केल कैरी भेंट पर एनएसए का साया
३१ जनवरी २०१४कैरी के बर्लिन दौरे पर चांसलर मैर्केल के साथ बातचीत की भी योजना है, जिनका सेल फोन सालों तक अमेरिकी खुफिया एजेंसी एनएसए की निगाहों में रहा है. अमेरिका ने इस बात से इनकार नहीं किया है कि उनकी बातचीत को सुना गया है. बातचीत से पहले सरकारी गठबंधन के नेता अमेरिकी कदमों की सख्त आलोचना की हिमायत कर रहे हैं , लेकिन इसे रिश्तों के लिए मुद्दा नहीं बनाना चाहते. उन्हें डर है कि अमेरिका पर बहुत ज्यादा दबाव डालने से रिश्तों पर असर पड़ सकता है.
बर्लिन पहुंचते ही कैरी जर्मन विदेश मंत्री फ्रांक वाल्टर श्टाइनमायर से मिल रहे हैं. उसके बाद वे चांसलर मैर्केल से मिलेंगे. दो दिन पहले जर्मन संसद बुंडेसटाग में दिए गए नीतिगत भाषण में मैर्केल ने अमेरिका की जासूसी गतिविधियों की कड़े शब्दों में आलोचना की थी. बर्लिन में जर्मन नेताओं से मुलाकात के बाद जॉन कैरी म्यूनिख में सुरक्षा सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.
अमेरिका को खरी खरी
चासंलर मैर्केल की सीडीयू पार्टी के महासचिव पेटर टाउबर का मानना है कि चांसलर फिर से दोटूक शब्दों में स्पष्ट करेंगी कि सहयोगी की जासूसी स्वीकार्य नहीं है. वे कहते हैं, "जर्मन चांसलर ने साफ शब्दों का इस्तेमाल किया है और साफ किया है कि हमेशा संतुलन बनाए रखा जाना चाहिए. सहयोगी देशों के बीच इस तरह का काम नहीं होना चाहिए." एनएसए कांड के कारण जर्मनी और अमेरिका के रिश्तों में कई महीनों से खटास है.
इसके विपरीत जर्मन संसद के विदेश नीति आयोग प्रमुख नॉर्बर्ट रोएटगेन ने अमेरिकी के साथ संबंधों के स्थायी रूप से बिगड़ने की चेतावनी दी है. उनका कहना है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की जर्मनी में जासूसी गंभीर समस्या है, जिसे कमतर नहीं किया जाना चाहिए. लेकिन रोएटगेन ने कहा कि स्थिति को नाटकीय बनाना न तो अमेरिका के फायदे में है और ना ही जर्मनी के. वे जासूसी कांड के कारण अमेरिका के साथ मुक्त व्यापार समझौते पर सवालिया निशान लगाने को भी उचित नहीं मानते.
सत्ताधारी गठबंधन में शामिल एसपीडी पार्टी के संसदीय दल के उप नेता रॉल्फ मुत्सेनिष ने भी कहा है कि अमेरिका अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा नीति में अपरिहार्य सहयोगी है. लेकिन साथ ही उन्होंने कहा, "अमेरिका को पारदर्शिता और नए भरोसे के लिए काम करना होगा." संसद के विदेशनीति आयोग में वामपंथी पार्टी डी लिंके के सदस्य श्टेफान लीबिष ने कैरी के बर्लिन दौरे को जरूरी बताते हुए कहा, "लेकिन यदि इसका सांकेतिक से ज्यादा महत्व होना है तो संचार साधनों की व्यापक निगरानी रोकनी होगी."
जर्मनी की साख
इस बीच रिपोर्ट है कि जर्मन सरकार अमेरिका के साथ जासूसी विरोधी संधि करने का प्रयास करती रहेगी. गृह मंत्री थोमस डे मेजियेर ने कहा है कि इस मुद्दे पर और बातचीत होगी. उन्होंने साथ ही कहा कि उन्हें इस संधि के होने की बहुत कम उम्मीद है. इस संधि में वे इलाके तय किए जाएंगे जिसमें दोनों ही पक्ष एक दूसरे की जासूसी नहीं करेंगे, मसलन सरकार प्रमुखों की. लेकिन अमेरिका इस तरह की संधि से इनकार कर रहा है.
अमेरिकी विदेश मंत्री कैरी के दौरे के मौके पर जर्मनी ने जासूसी विरोधी संधि पर कोई बड़ी उम्मीद नहीं करने को कहा है. दूसरी ओर एक सर्वे के अनुसार अमेरिका में जर्मनी के लिए उत्साह पिछले 10 साल में सबसे ऊंचा है. जर्मन दूतावास द्वारा पेश सर्वे के अनुसार 59 फीसदी अमेरिकी नागरिकों की जर्मनी के बारे में अच्छी या बहुत अच्छी राय है.
एमजे/एजेए (डीपीए)