मोज़ल किनारे साइकल
२० अगस्त २००९साइकल की दिलक़श सैर का पसंदीदा रूट है रोमन सड़क, जो अंगूर के बगानों वाली ढलानों के बीच बलखाती हुई गुज़रती है. साइकल मार्गों के वेलो टूर मोज़ल जैसे उत्कृष्ट जालों की बदौलत इस सघन हरीतिमा में साइकल की सवारी ऐसी जान पड़ती है, मानो बादलों के फाहे आपको उड़ाए ले जा रहे हैं.
इतिहास का संस्पर्श
प्राचीन इतिहास से ओतप्रोत मोज़ेल इलाक़ा ईसा पश्चात पहली पांच शताब्दियों तक रोमन साम्राज्य के नियंत्रण में था और इसके निशान आज भी देखे जा सकते हैं. जर्मनी का सबसे पुराना शहर ट्रियर पश्चिमी रोमन साम्राज्य की राजधानी था. रोम के बाहर रोमन शैली वाली प्राचीन इमारतें सबसे अधिक यहीं देखने में आती हैं. चाहे वो एंफीथियेटर हो, विशिष्ट रोमन गेट हो या ऐतिहासिक दीवार पोर्टा नीग्रा. रोमन काल की भव्यताओं की ये जीवंत-सी लगती निशानियां हैं, जिनके कारण ट्रियर को रोमा सेकुंदा यानी दूसरा रोम भी कहा जाता है.
शहर का आकर्षक बसिलिका देखने लायक है. सम्राट कोन्सतांतिन इसे चौथी शताब्दी में दरबार हॉ़ल और राजसिंहासन कक्ष के रूप में इस्तेमाल करता था. सैलानी यहां शाही स्नानघरों के विशाल अवशेषों को भी निहार सकते हैं, जिन्हें बाद में एक हज़ार से ज़्यादा सैनिकों के लिए बैरकों के रूप में इस्तेमाल किया जाता था. यहीं जर्मनी के सबसे पुराने पुल की नींव को भी परखा जा सकता है. उस दौर में और आज भी वो मोज़ल के अंगूर बगानों का प्रवेशद्वार है.
बात वाइन की
रोमन दौर की अंतिम निशानियों के साथ ही इस इलाक़े की सबसे विशिष्ट आकर्षण हैं उसके पुराने क़िले, लकड़ी के कलापूर्ण घरों वाले सुरम्य गांव, लोक छटाएं और दंत कथाएं.
एक और ख़ास बात है यहां की वाइन. दूसरी शताब्दी से यहां शराब बनाने के लिए अंगूरों की खेती का प्रचलन चला आ रहा है. अब यहां कई ऐसे वाइन बगान हैं जहां की शराब के नमूनों का स्वाद लिया जा सकता है. ज़ार-रूवेर ऐसा ही एक शराब उत्पादन का क्षेत्र है जिसकी दुनिया भर में ख्याति है.
साइकल से उतर कर कमर सीधी करनी हो तो आप किसी शांत छायादार सुकून भरे बरामदे में बैठकर इलाके़ की ठंडी रीसलिंग वाइन के घूंट भर सकते हैं. मोज़ल नदी की सैर किसी सुंदर सपने से कम नहीं है.