म्यांमार पहुंची हिलेरी का फीका स्वागत
३० नवम्बर २०११म्यांमार की नई राजधानी नैपीडौ का मतलब है राजाओं का डेरा, अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन जिस होटल के बाहर रुकी हैं वहां एक बड़ा सा बिलबोर्ड लगा है जो बेलारूस के प्रधानमंत्री का स्वागत कर रहा है. वह कुछ दिन पहले यहां आए थे. बस कुछ पुलिसवाले होटल परिसर के भीतर और वहां से गुजरने वाली सड़क पर तैनात हैं. इससे पता चलता है कि यहां कोई बड़ी शख्सियत मौजूद है.
हिलेरी क्लिंटन का सरकारी विमान बुधवार सुबह नैपीडौ के एयरपोर्ट पर उतरा जहां म्यांमार के विदेश मंत्री एक छोटे से प्रतिनिधिमंडल के साथ उनकी अगवानी के लिए मौजूद थे. चमकते गुलाबी रंग की ब्लेजर पहने विमान से उतरीं क्लिंटन ने वहां मौजूद अधिकारियों से मुलाकात की और फिर होटल के लिए रवाना हो गईं. काफिला जब होटल के लिए नई बनी सड़क पर चला तो खिड़की से अमेरिकी विदेश मंत्री म्यांमार को देखती रहीं. खेतों और इमारतों को पीछे छोड़ता काफिला जब किसी चौराहे पर पहुंचता तो पुलिस वाले वहां मौजूद नाम मात्र के ट्रैफिक को रोक देते. इस गरीब मुल्क में इतनी कारें नहीं कि ट्रैफिक जाम लगे.
हिलेरी तीन दिन के दौरे में यहां सेना समर्थित नागरिक सरकार के मुखिया और म्यांमार में लोकतंत्र की आवाज आंग सान सू ची से मिलेंगी. हिलेरी से पहले 1955 में जॉन फॉस्टर डुलेस म्यांमार आए थे. इन दोनों विदेश मंत्रियों की यात्रा के बीच जो फासला है उसमें इस दक्षिण एशियाई देश ने बहुत से बदलाव देखे हैं. 1962 में सैनिक शासन ने यहां तख्तापलट कर दिया और इसके साथ ही कई दशकों तक चलने वाली तानाशाही यहां की किस्मत बन गई.
अमेरिकी विदेश मंत्री राष्ट्रपति थिन सेन और दूसरे बड़े अधिकारियों से मिल कर निजी रूप से इस बात की थाह लेना चाहती हैं कि देश में सुधारों को लेकर उनकी कितनी प्रतिबद्धता है. पिछले साल चुनाव होने के बाद से ही यहां सुधारों को लागू करने की शुरुआत हो गई है. सेना ने नागरिक सरकार को कुछ अधिकार सौंप दिए हैं. अमेरिकी विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हिलेरी म्यांमार के नए नेताओं से आग्रह करेंगी कि वो उत्तर कोरिया के साथ चले आ रहे गुप्त सैन्य समझौते को तोड़ दें. म्यांमार की सरकार में शामिल ज्यादातर नेता हाल तक सैन्य अधिकारी ही थे.
अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि उनका मानना है कि म्यांमार ने उत्तर कोरिया से मिसाइल तकनीक मांगी है हालांकि उन्होंने परमाणु कार्यक्रम के लिए दोनों देशों के बीच सहयोगी की आशंकाओं से इनकार किया है. अमेरिका अगर म्यांमार को उत्तर कोरिया के साथ संबंध तोड़ने पर रजामंद कर लेता है तो यह उसकी बड़ी कूटनीतिक जीत होगी. हालांकि अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि विदेश मंत्री म्यांमार पर सुधारों को लागू करने के लिए दबाव बनाएंगी और लोकतांत्रिक सुधारों की तरफ आगे बढ़ने की सूरत में अमेरिकी की तरफ से भी छूटों के एलान किए जाएंगे.
रिपोर्टः रॉयटर्स/एन रंजन
संपादनः ओ सिंह